इन लोगों को लखनऊ के अस्पताल से हवाई अड्डे तक 26 किलोमीटर के रास्ते को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर महज 22 मिनट में पहुंचाया गया और फिर एयरलिफ्ट कराके एनसीआर के मेदांता अस्पताल लाया गया। लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने ‘‘भाषा’’ को बताया, ‘‘मुझसे सुश्रुत इन्स्टीटयूट आफ प्लास्टिक सर्जरी (सिप्स) में भर्ती गंभीर हालत वाले तीन मरीजों को दिल्ली ले जाने के लिये ग्रीन कॉरिडोर बनाने को कहा गया था। लखनऊ पुलिस ने आज सुबह करीब साढ़े दस बजे चौक स्थित सिप्स से अमौसी हवाई अड्डे तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया। दोनों के बीच की 26 किलोमीटर की दूरी को 22 मिनट में तय करके तीनों रोगियों को अमौसी हवाई अड्डा भेजा गया।’’ कुमार ने कहा कि सुबह दस बजे सड़क पर बहुत गाड़ियां होती हैं, क्योंकि अधिकतर लोग अपने काम पर जा रहे होते हैं। इसके बावजूद लखनऊ पुलिस ने बहुत तत्परता से काम किया और केवल 22 मिनट में तीनों घायल मरीजों को सुरक्षित हवाई अड्डे पहुंचा दिया।
सिप्स के डॉक्टर रितेश पुरवार ने बताया कि एनटीपीसी हादसे में बुरी तरह झुलसे लोगों में से पांच को हमारे यहां लाया गया था। इनमें से तीन को मेदांता भेजा गया है। उन्होंने कहा कि ये तीनों मरीज एनटीपीसी के अधिकारी बताये जा रहे हैं, लेकिन मुझे इस संबंध में पुष्ट सूचना नहीं है। शहर के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेन्टर के प्रभारी डॉक्टर संदीप तिवारी के अनुसार एनटीपीसी हादसे के बाद 12 लोगों को उनके यहां लाया गया। उनमें से एक व्यक्ति की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी।
डॉक्टर तिवारी ने बताया कि शेष 11 मरीजों में से मामूली रूप से झुलसे दो लोगों को आज सुबह छुट्टी दे दी गयी है। जबकि नौ लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया, ‘‘इनमें से छह मरीज 50 से 60 फीसदी तथा तीन मरीज 30 से 50 फीसदी तक झुलसे हुए हैं।’’
नई दिल्ली: रायबरेली के एनटीपीसी संयंत्र में हुए विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हुए तीन लोगों को आज लखनऊ स्थित अस्पताल से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हवाई मार्ग से गुड़गांव के मेदांता अस्पताल अस्पताल भेजा गया है। करीब 80 फीसदी झुलस गये तीनों लोग एनटीपीसी के अधिकारी हैं और उनकी हालत बहुत खराब बताई गयी।