जयपुर। राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने कहा है कि राज्य सरकार नवचयनित स्कूल व्याख्याताओं को नियुक्ति देने के मामले में शीघ्र निर्णय ले। उन्होंने कहा कि करीब 12 हजार चयनित स्कूल व्याख्याताओं का भविष्य राज्य सरकार की टालमटोल प्रवृति के कारण अधरझूल में है। चयनित अभ्यार्थी आंदोलनरत हैं और इनमें से एक जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल में अनषन पर है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर अनिर्णय की स्थिति बना रखी है। नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी से आज इस संबंध में नवचयनित स्कूल व्याख्याता संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने डूडी को सभी तथ्यों से अवगत कराते हुए कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में 13 हजार स्कूल व्याख्याताओं के पदों पर भर्ती निकाली थी। उन्नीस विषयों के लिए निकाली गई इस भर्ती की परीक्षा जुलाई, 2016 में आयोजित की गई। जिसका परिणाम सितम्बर, 2016 में आ गया। सरकार ने आठ विषयों में नवचयनित स्कूल व्याख्याताओं को तो नियुक्ति दे दी लेकिन एसबीसी आरक्षण को आधार बनाकर 11 विषयों में नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी। जिसकी अपील न्यायालय में की गई। अब 8 फरवरी को उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद भी सरकार इस मामले में कोई निर्णय नहीं ले रही है। जबकि इस मुद्दे पर बीकानेर में पिछले 50 दिन से नवचयनित स्कूल व्याख्याता धरने पर हैं। एक आंदोलनकारी महिपाल सिंह 13 फरवरी से जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती है और उसका अनषन जारी है फिर भी सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी ने प्रतिनिधिमंडल को आष्वस्त किया कि प्रतिपक्ष विधानसभा के बजट सत्र में इस मुद्दे को उठायेगा। वहीं, उन्होंने सरकार से मांग की कि इस मामले में तत्काल नवचयनित स्कूल व्याख्याताओं के हित में समाधान निकाला जाये। नेता प्रतिपक्ष से नवचयनित स्कूल व्याख्याता संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल बंषीलाल बेढ़ा के नेतृत्व में मिला था और उन्हें ज्ञापन सौंपा था।