-फर्मों ने श्रमिकों के नहीं खुलवाए पीएफ-ईएसआई खाते डकार गए करोड़ों
जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। नगर निगम में हुए करोड़ों रूपए PF-ESI घोटाले के बाद अब जलदाय विभाग में भी ऐसा ही बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। विभाग में ठेके पर चल रहे ओएंडएम और अनुबंध के कार्यों में ठेका फर्मों द्वारा मिलीभगत कर लंबे समय से श्रमिकों का पीएफ और ईएसआई का मोटा पैसा हड़प रहे है। विभाग में ठेका फर्मों और इंजीनियर्स की मिलीभगत से चल रहे इस खेल का अब जल्द ही पदार्फाश होने वाला है। राजस्थान जलप्रदाय एवं सीवरेज प्रबंध मंडल के वित्तीय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी ने विभाग के सभी अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं से प्रदेश के सभी अनुबंध कार्यों में लगे नियोजित श्रमिकों के साथ उनके PF-ESI कटौती की रिपोर्ट मांगी है। FA&CAO द्वारा रिपोर्ट मांगने के बाद ठेका फर्मों के साथ ही इंजीनियर्स में खलबली मच गई है।
दरअसल एक शिकायत के वित्तीय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी कार्यालय की प्रारम्भिक जांच में कई चौकाने वाले मामले सामने आए हैं। ठेका फर्मों द्वारा श्रमिकों का वेतन न तो बैंक खाते में जमा कराया जा रहा है और न ही उनके PF-ESI का पैसा जमा कराया जा रहा है। जलदाय विभाग द्वारा पेयजल योजनाओं के ठेके पर चल रहे आॅपरेशन एण्ड मेंटीनेंस कार्यों के साथ ही अन्य अनुबंध के कार्यों में नियोजित श्रमिकों का वेतन सीधे बैंक खाते में जमा कराने के साथ ही उनके PF-ESI के पैसे का भुगतान संबंधित कार्यालय में जमा कराने की शर्त रखी जाती है, लेकिन ठेका फर्मों द्वारा टेंडर षर्तों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।
विभागीय अधिकारी पेयजल योजनाओं के ओएंडएम का कार्य ठेका फर्मों को सौंपकर अपने ही नियम-शर्तों की पालना कराना भूल गए। इसका नतीजा ये रहा कि लंबे समय से ठेका फर्में श्रमिकों के PF-ESI का पैसा हड़प रहे हैं। दूसरी तरफ ठेका फर्मों द्वारा श्रमिकों के वेतन का भुगतान बैंक खातों में नहीं करने के बाद भी विभाग के इंजीनियर धडल्ले से फर्मों को भुगतान कर रहे हैं। मामले में विभाग के FA&CAO द्वारा बड़े घोटाले की आशंका जाहिर करते हुए विभाग के सभी अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं से उनके अधीन चल रहे सभी ओएंडएम कार्यों की रिपोर्ट मांगी है।
इसके लिए वित्तीय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी कार्यालय की ओर से एक प्रारूप पत्र भी जारी किया गया है, जिसमें ओएंडएम कार्य स्वीकृत श्रमिकों की संख्या, ढऋ-एरक का भुगतान वाले श्रमिकों की संख्या, PF-ESI का भुगतान नहीं होने वाले श्रमिकों की संख्या और भुगतान नहीं होने के कारण की रिपोर्ट मांगी गई है। FA&CAO द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि ढऋ-एरक का नियमों की पालना नहीं करने वालों पर पैनल्टी के साथ ही सजा का भी प्रावधान है। PF-ESI नियमों की पालना नहीं कराने पर ठेका फर्म और भुगतान अधिकारी समान रूप से उत्तरदायी है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जलदाय विभाग की करीब 1000 छोटी-बड़ी पेयजल योजनाओं का ओएंडएम कार्य ठेके पर चल रहा है। इन योजनाओं के ओएंडएम कार्यों की जांच की जाए तो प्रदेश में करोड़ों रूपए के PF-ESI का गबन सामने आएगा। दूसरी ओर FA&CAO द्वारा मांगी गई इस रिपोर्ट के बाद गबन करने वाले ठेकेदारों और संबंधित इंजीनियर्स में खलबली मची हुई है।