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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पैदल घर लौट रहे श्रमिकों की पीड़ा को समझा और उन्हें ट्रेनों एवं बसों के माध्यम से भेजने के साथ ही उनके लिए कैम्प एवं भोजन आदि की व्यवस्था की। इसके चलते अब पैदल जाने वाले श्रमिकों की संख्या काफी कम हो गई है। हमने उपखण्ड अधिकारियों को इन व्यवस्थाओं का जिम्मा दिया था, जिसे उन्होंने बेहतर ढंग से निभाया है। इन शिविरों के कारण अब श्रमिक पैदल चलने की बजाय बस एवं ट्रेन के जरिए अपने गंतव्य पहुंच रहे हैं।

श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रवासियों के आवागमन एवं लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों एवं आमजन के सहयोग से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप प्रदेश में कुछ और आवश्यक गतिविधियों को अनुमत किया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं में अशैक्षणिक गतिविधियों के लिए एवं मॉल्स में संचालित कार्यालयों को सोशल डिस्टेंसिंग एवं हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना के साथ अनुमति दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास रहे कि ट्रेनों के साथ ही श्रमिक स्पेशल बसों के माध्यम से जल्द से जल्द श्रमिकों को अपने गंतव्य तक पहुंचाया जाए। बैठक में बताया गया कि बसों को लेकर सहमति के लिए मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारियों के स्तर पर मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से बात हुई है। श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि अन्य राज्यों से भी जल्द समन्वय कर इस व्यवस्था को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जाए, ताकि श्रमिकों की तकलीफ को कम किया जा सके।

विदेशों से आ रहे जरूरतमंद श्रमिकों के क्वारेंटीन के लिए भामाशाहों का लें सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाड़ी देशों में कई मजदूर आजीविका के लिए जाते हैं, लेकिन इनमें से कई आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं। विदेशों से आने वाले राजस्थान के ऐसे लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनके क्वारेंटीन के लिए सेवाभावी संस्थाओं एवं भामाशाहों की मदद ली जाए। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रवासियों का आवागमन अब सुगम होता जा रहा है। आगामी पांच दिन में प्रदेश से विभिन्न राज्यों के लिए 23 ट्रेन जाएंगी।

11 जिलों के लिए लगाए प्रभारी अधिकारी
श्री गहलोत ने प्रवासियों के आगमन के कारण 11 जिलों में संक्रमण का दायरा बढ़ने पर इन जिलों में प्रभारी अधिकारी लगाए हैं। ये अधिकारी इन जिलों में जाकर प्रवासियों के आवागमन एवं संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करेंगे। साथ ही वहां चिकित्सा सुविधाओं एवं क्वारेंटाइन की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कार्य योजना बनाएंगे। पाली और सिरोही के लिए आईएएस अधिकारी श्री भास्कर ए सावंत, जोधपुर के लिए श्री नवीन महाजन, जालोर के लिए श्री मुक्तानंद अग्रवाल, बाड़मेर के लिए श्री ओमप्रकाश, नागौर के लिए श्री नरेशपाल गंगवार, सीकर के लिए श्री समित शर्मा, उदयपुर के लिए श्री आशुतोष एटी पेंडनेकर, भीलवाड़ा के लिए श्री केके पाठक, बीकानेर के लिए श्री प्रवीण गुप्ता एवं राजसमंद के लिए श्री भवानी सिंह देथा को प्रभारी अधिकारी लगाया गया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थाओं में उनके कार्यालय अशैक्षणिक कार्यों के लिए खुल सकेंगे। लेकिन इनमें शैक्षणिक कार्य पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा और न ही इनमें विद्यार्थी आ सकेंगे। साथ ही मॉल्स में दुकानें नहीं खुल सकेंगी, उनमें स्थित सिर्फ ऑफिस खुल सकेंगे।

दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर करीब 12 हजार चालान
बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने और अन्य दिशानिर्देशों की पालना के लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रही थी। अब इनका पालन नहीं करने वाले लोगों पर राजस्थान एपिडमिक अध्यादेश के तहत चालान करना प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि तीन दिन में मास्क नहीं पहनने पर 8134 लोगों के चालान बनाए गए हैं। साथ ही बिना मास्क पहने व्यक्ति को सामग्री बेचने के मामले में 1201 चालान एवं सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर 73 लोगों के तथा पान, गुटखा एवं तम्बाकू बेचने पर 64 लोगों के चालान बनाए गए हैं। इसी तरह सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रखने पर 2525 चालान बनाए गए हैं।

बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी श्रीमती वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री अभय कुमार, जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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