जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने बीकानेर में प्रेसवार्ता में राज्यसरकार को जमकर लताड़ा। तेल हमारा, पानी हमारा, बिजली हमारी, जमीन हमारी। अब मैं पूछना चाहता हूं 26 परसेंट भागीदारी ही क्यों आज भी? प्रधानमंत्री जी आ रहे हैं, कोई जवाब है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री जी ने चार साल बरबाद कर दिये कि भागीदारी बहुत कम है हमारी तो फिर अब चार साल के बाद में भागीदारी वो ही क्यों रखी। उससे पूरी इनकी पोल खुल जायेगी। बाकी तो मैं प्रेस कान्फ्रेंस कर चुका हूं कि हमारा एमओयू कितना शानदार था। अभी तक रिफाईनरी बन जाती। प्रधानमंत्री जी इनके हैं, वो आते उद्घाटन के लिए और उसके बाद में आप कल्पना कर सकते हैं कि पेट्रो केमिकल कॉम्पलेक्स भी साथ में है, कितनी बड़ी रिफाईनरी लग सकती थी, कितने लोगों को काम मिल सकते थे। उन सबसे वंचित रह गये। रिफाइनरी बनने में लाखों लोगों को रोजगार मिलता, उससे वंचित रह गये। ये मुख्यमंत्री जी की जो सोच है अहं और घमंड का, सामंती सोच जो उनका है, उसके कारण ही प्रोब्लम पैदा होती है राजस्थान के अंदर। कांग्रेस को श्रेय नहीं मिले, इसके कारण रिफाईनरी हो, ब्रॉडगेज हो, परवन नदी पर बांध हो, चाहे खुद के इलाके के किसान हो, झालावाड़, बारां का उसकी परवाह इन्होंने नहीं की।
मेट्रो हो, कोच फैक्ट्री हो। और तो और शेखावाटी में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई, बिल बन गया असेम्बली के अंदर, वाईस चांसलर नियुक्त हो गये। उसको बंद कर दिया गया। हरिदेव जोशी जी के नाम पर, वो खुद पत्रकार थे, उनके नाम से विश्वविद्यालय बना। और माखनलाल चतुवेर्दी के नाम का विश्वविद्यालय जो भोपाल के अंदर है, उसकी प्रतिष्ठा पूरे देश के अंदर है। राजस्थान का भी एक विश्वविद्यालय का नाम हो देश के अंदर, उसको पूरा बंद कर दिया एक्ट पास करके। मर्ज कर दिया यूनिवर्सिटी के अंदर। सैनिक स्कूल खोली थी हमने झुंझुनू के अंदर, अनाउंसमेंट किया अलवर में झुंझुनू में। ये जो पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर आप शासन कर रहे हो। तो मैं समझता हूं कि उसके कारण से फिर सुशासन नहीं दे सकते आप। अगर आप नेगेटिव सोच रखोगे तो आपका हर वक्त दिमाग चलेगा नेगेटिव सोच की तरफ तो फिर आप कभी भी गुड गवर्नेंस नहीं दे सकते हो। और यह हालत है राजस्थान में। लोगों में बहुत भयंकर आक्रोश है।