Omar Abdullah challenges challenging alimony, court asks Petal's response

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की उस अर्जी पर उनसे अलग रह रही उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला से आज जवाब मांगा जिसमें उन्होंने यहां की एक परिवार अदालत में गुजारा भत्ता अर्जी की सुनवायी को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने पायल से उमर की उस अर्जी पर 24 नवम्बर तक जवाब दायर करने को कहा जिसमें दावा किया गया है कि गुजारा भत्ते की मांग को लेकर उनके और उनके दो पुत्रों की ओर से दायर अर्जी विचारणीय नहीं है। सुनवायी के दौरान उमर के वकील ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी कि पायल का अपना स्वयं का व्यापार और राष्ट्रीय राजधानी में एक मकान है, इसलिए राहत का हकदार होने के लिए पहले उन्हें यह साबित करना होगा कि वह स्वयं अपना भरण-पोषण नहीं सकती। वकील ने यह भी दलील दी कि पायल के दोनों पुत्र बालिग हैं और इसलिए वे भी गुजारा भत्ता की मांग नहीं कर सकते।

उमर ने अपनी अर्जी में परिवार अदालत को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह अंतरिम गुजारा भत्ता के मुद्दे पर निर्णय से पहले यह फैसला करे कि पायल की अर्जी विचारणीय है या नहीं। उन्होंने परिवार अदालत के गत नौ सितम्बर 2016 के उस आदेश को भी चुनौती दी है जिसमें उसने गुजारा भत्ता मामले में उन्हें सम्मन जारी किये हैं। वकील ने अदालत को बताया कि परिवार अदालत के समक्ष मामले की अगली सुनवायी की तिथि नौ दिसम्बर है। इसके बाद अदालत ने मामले को 29 नवम्बर को अगली सुनवायी के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

LEAVE A REPLY