jaipur. भाजपा प्रदेषाध्यक्ष डाॅ. सतीष पूनियां ने आज गुरूवार को विधानसभा में महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुये कहा कि इस सरकार की बुनियाद महत्वकांक्षाओ के आधार पर हुई थी। दो लोगों की महत्वाकांक्षाओं के साथ इस सरकार का गठन हुआ। आज यह सरकार दो फाड़ों में दिखाई देती है। इस पर पूनियां ने शेर कहकर मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री के रिष्तो पर अपनी प्रतिक्रिया दी ‘‘ फासले इस कदर हैं आजकल रिश्तो में, जैसे कोई घर खरीदा हो किस्तों में ’’। पूनियां ने कहा कि यह सरकार लगभग इसी तरीके से चल रही है जैसे किस्तों में चल रही है। ऐसी ख्वाहिशें दिखाई इस अभिभाषण के माध्यम से कि ‘‘ छू लेता मैं भी उचक कर चांद का,े खुदा ने ख्वाहिशें तो दी हंै, मगर हाथ छोटे रखे हैं। ’’ सरकार का दिल भी छोटा, हाथ भी छोटे, कर्म भी छोटे। सरकार का हर अंदाज अच्छा है, सिवाय नजर अंदाज के।
हर मोर्चे पर सरकार विफल रही है यह सरकार राज्य का भला नहीं कर सकती। भला हो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जिन्होंने इस देश की बुनियादी समस्याओं चाहे वो राम मंदिर, नागरिकता संषोधन कानून, अनुच्छेद 370 जैसे बड़े मसलों का समाधान करके देश को स्वाभिमान भी दिया एवं बुनियादी विकास को ताकत दी।
इस अभिभाषण में दो बड़े झूठ तो साफ तौर पर है। एक किसानों की कर्जा माफी और दूसरा बेरोजगारों को भत्ता देने की बात। इससे बड़ा झूठ भारत के इतिहास में कभी नहीं बोला गया होगा। किसान लादू सिंह, तिलवाड़ा जो अजमेर के रहने वाले थे, उन्होंने 20 मई 2019 को आत्महत्या की। 25 मई 2019 को बालूराम मीना, निवारिया, टोंक , 5 मई 2019 को गट्टू सिंह भागली, सिंगलाज, जालौर, 23 जून 2019 को सोहनलाल कड़ेल, थाकरी, श्रीगंगानगर, 5 जुलाई 2019 को ताराचंद मेघवाल, कोलीड़ा का बास, झुंझुनू, 13 सितंबर, 2019 दो एसटी श्रीगंगानगर, 20 सितंबर, 2019 बद्री गुर्जर, कोलवा, दौसा, 25 नवंबर 2019 लाल चंद, पुनुसर, चुरू और 25 सितम्बर 2019 धर्मपाल सुथार, सिलवानी, श्री गंगानगर ने कर्ज से तंग आकर जीवन लीला समाप्त कर ली। 23 जून 2019 को सोहनलाल कड़ेल ने आत्महत्या की उसने अपना आत्महत्या का लाइव वीडियो जारी किया था और उस लाइव वीडियो में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री महोदय के खिलाफ साफ तौर पर यह कहा था, कि मेरी मौत के जिम्मेदार यह दो लोग हैं और यह सरकार है। उस किसान के लाइव आत्महत्या के वीडियो के मामले में सरकार ने क्या कार्रवाई की ? और इन किसान परिवारों को किस प्रकार से राहत प्रदान की गई ? उन्होंने कहा कि किसान परिवारों की बद्दुआएं और किसान कर्जे का भूत सरकार को सत्ता से जब तक उतारेगा नहीं, तब तक यह भूत उतरेगा नहीं। इसके साथ-साथ ही प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था, बीमार चिकित्सा व्यवस्था और पंचायती राज व्यवस्थाओं को कमजोर करने का षड्यंत्र इस सरकार ने किया है। 1993 के बाद पंचायतों पर प्रशासक लगे हैं। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि पंचायत समितियों और जिला परिषदों के चुनाव कब होंगे ? यह सरकार पंचायतीराज को कमजोर करने के पाप से बच नहीं सकती।
उन्होंने कहा कि उदयपुर में मीरा गल्र्स कॉलेज में अध्यक्ष महोदय, विधानसभा द्वारा साफ तौर पर यह कहा कि राज्य सरकारों को नागरिकता संशोधन कानून जो केंद्र द्वारा पारित कानून है उसको लागू करने की संवैधानिक बाध्यता है। इस सरकार ने इस कानून पर लोगों को गुमराह करने का काम किया। मैं सदन के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन करूंगा, कि जिनके साहसिक निर्णय के कारण भारत के ऐसे हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, पारसी, बौद्ध इन तमाम लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी और इनको इज्जत और सम्मान मिलेगा।
राजस्थान की सरकार ने लगभग 27 लाख बेरोजगारों का उल्लेख किया हैं। सरकार ने स्वीकार किया कि 10 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं। सरकार ने 1,58,000 बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही है। इससे बड़ा झूठ नहीं हो सकता कि 10 लाख पंजीकृत बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ते का वादा करने वाली यह सरकार केवल लगभग डेढ़ लाख बेरोजगारों को भत्ता देखकर लीपापोती कर रही है।
किसानों की फसलों पर टिड्डी दलों के हमलों के बारे में केंद्र सरकार द्वारा मदद नहीं करने के आरोप प्रदेष की सरकार लगा रही है। जैसलमेर बाड़मेर, बीकानेर ,जालौर में लगभग 400 ऐसे ट्रैक्टर हैं, स्प्रे के लिए जिनका राज्य सरकार द्वारा अभी तक भुगतान नहीं किया गया है और सरकार बातें टिड्डी नियंत्रण की करती है। जबकि केंद्र की सरकार में हमारे केन्द्रीय राज्य कृषि मंत्री ने इस मामले पर लोकसभा में जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्य के किसानों को प्रति दो हैक्टेयर 13,000 रूपये एवं इसमें एसडीआरएफ के फण्ड से 5000 रूपये केंद्र सरकार ने जोड़कर दिये है। टिड्डी नष्ट करने की 60 नई मशीनें केंद्र सरकार ने क्रय की है।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था पर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो अनुसार राजस्थान इस समय सर्वाधिक अपराध ग्रस्त राज्यों में शुमार है। पूरे सवा साल से 2,42,710 मुकदमे पहली बार राजस्थान के इतिहास में दर्ज हुए हैं, जो गत वर्ष से 31 प्रतिशत ज्यादा है। महिलाओं के अत्याचार में सर्वाधिक बढ़ोतरी हुई और 2019 में 41,155 मुकदमें दर्ज हुए, जो पिछली बार से 49.14 प्रतिषत ज्यादा है। कांग्रेस पार्टी अपने आप को दलितों की हितैषी बताती है, लेकिन वर्ष 2019 में इसके ही शासनकाल में दलित अत्याचार के 6794 मुकदमे दर्ज हुए, जो पिछले साल के मुकाबले 47 प्रतिषत ज्यादा है। अनेक ऐसी एजेंसी की रिपोर्ट जिसमें यह कहा जाता है कि राजस्थान में इस समय 78 प्रतिषत लोग अपने कामों के लिए रिश्वत देते हैं। ऐसा पहला राज्य राजस्थान है, जहां पर इस तरीके की घटना हुई है। राजस्थान के एंटी करप्शन ब्यूरो ने उल्लेख किया है। राजस्थान में अलग-अलग मदों में जिस तरीके से भ्रष्टाचार के लिए रिश्वत देते हैं जैसे प्रोपर्टी और लैंड इश्यूज के लिए 44 प्रतिषत, पुलिस महकमे में 33 प्रतिशत, बिजली, परिवहन और टैक्स में लगभग 23 प्रतिशत। इस तरह 78 प्रतिषत लोग राजस्थान में अपने कामों के लिये रिष्वत दे रहे हैं।
आज राजस्थान की सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना ढंग से लागू नहीं कर पाई। शहरी क्षेत्र में केवल 39 प्रतिषत काम हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में 32,000 मकान लक्ष्य से कम बने हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपने लक्ष्य को भी प्राप्त नहीं कर सके। प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत जो लाभ किसानों को मिलना था, वह लाभ उन्हे नहीं मिल पाया, अनेक किसानों के आवेदन वेबसाईट पर अपलोड नहीं होने के कारण उन किसानों को इस निधि से वंचित रहना पड़ा। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना को प्रभावी तौर पर लागू नहीं किया गया। अन्नपूर्णा योजना हो चाहे राजश्री योजना, किसी भी योजना को यह ठीक तरीके से लागू नहीं कर सके। इस तरीके की केन्द्र सरकार की तमाम योजनाओं को बंद करने की मंशा इस सरकार की है। राजस्थान में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना एक ऐसी योजना थी, जिसमें 30 लाख लोगों ने 28 सौ करोड़ का स्वास्थ्य बीमा का लाभ लिया, लेकिन पिछले एक वर्ष से राजस्थान का मरीज दर-दर भटक रहा है अभिभाषण में जो बातें सरकार ने कहलवाई है महामहिम के मुख से। अभिभाषण की ये सब बातें झूठ का पुलिंदा है। हाल ही में बिजली के दामों में बढोतरी करने के निश्चित रूप से जनता इनसे जवाब मांगेगी।