-बाल मुकुन्द ओझा
उद्योग मंडल और प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी एनारॉक की एक संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय ई-कॉमर्स बाजार के 2026 तक 120 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2021 में 38 अरब डॉलर था। खुदरा और ई- कॉमर्स व्यवसायों में यह तेजी से वृद्धि देश में भंडारण और रसद क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। देश में त्योहारी सीजन शुरू हो गया है। दीपावली तक इस त्योहारी सीजन में एक दर्जन बड़े त्योहार और व्रत आते है जिसमें देशवासी उमंग और उत्साह के साथ शामिल होकर अपनी खुशियों का इजहार करते है। लोकमंगल के इस सीजन में बच्चे से बुजुर्ग तक खुशियां बांटते है। लेकिन सबसे ज्यादा तेजी ऑनलाइन बाजार में ही दिखाई पड़ रही है। आज के समय में ऑनलाइन ख़रीदारी करना लोगों विशेषकर युवाओं द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। इंटरनेट के माध्यम से खरीदारी को ही ई-कॉमर्स कहते है। घरेलू उत्पादों सहित मोबाइल, ग्रोसरी, फर्नीचर, कपडे एवं इलेक्ट्रानिक का सामान आदि खरीदने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ता है अपितु घर बैठे ही इंटरनेट ऑनलाइन शॉपिंग के द्वारा एक क्लिक से आप घर पर ही सामान मंगवा सकते है। ऑनलाइन शॉपिंग का व्यवसाय आज के समय में बहुत लोकप्रिय बन चुका है। ऑनलाइन खरीदारी में आपको उत्पाद के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी जाती है तथा मोल-भाव भी नहीं होता जिससे आपसे अधिक पैसे सामान के लिए नहीं लिए जा सकते। त्योहारी सीज़न में ऑनलाइन बाजार की बल्ले बल्ले हो रही है। इस सीजन में छोटे और खुदरा दुकानदार ग्राहकी की कमी का रोना रो रहे हैं, वहीं ई-कामर्स कंपनियों की बिक्री में जबरदस्त इजाफा देखा जा रहा है। ई-कॉमर्स कम्पनियाँ इस दौरान अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए घरेलू उत्पादों सहित विभिन्न श्रेणियों के प्रोडक्ट्स में कई प्रकार की छूट की घोषणा करती है।
कोरोना महामारी के कारण लोगों ने अपने जरूरी सामानों की खरीद ऑनलाइन माध्यम से शुरू करदी थी जो बदस्तूर जारी है, इससे ऑनलाइन बाजार काफी फल फूल रहा है। जहां लोग पहले खुद दुकानों पर जाकर खरीददारी करते थे। वहीं लोग अब अपनी सुविधा को मद्देनज़र रखते हुए ऑनलाइन खरीद फरोख्त करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसी कारण अमेज़न, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा,स्नेपडील, शॉपक्लूज, बिगबास्केट, ग्रोफर्स, डील शेयर जैसे ब्रांड तेजी से अपने पैर जमा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में वर्तमान में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन कंपनियों का बाजार 75 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट के अनुसार ऑनलाइन बाजार जितनी तेजी से बढ़ रहा है, इससे आठ करोड़ से ज्यादा खुदरा व्यापारियों को भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है। बताया जाता है ऑनलाइन बाजार बढ़ने से खुदरा
व्यापारियों का घाटा और बेरोजगारी बढ़ रही है।यह त्योहारी सीजन हालाँकि महंगाई की मार से उपभोक्ताओं को राहतभरा नहीं है। त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ ही बाजार और ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर ऑफर्स की बहार आ गई है। दुकानदार और ऑनलाइन कम्पनियाँ जहां इन त्योहारों में आकर्षक ऑफर तथा डिस्काउंट की पेशकश कर ग्राहकों को
रिझाने का प्रयास करते हैं, वहीं ग्राहक भी इन आकर्षक ऑफरों का लाभ उठाकर जमकर खरीदारी करते हैं। खुदरा व्यापारी ऑनलाइन सेल का विरोध कर रहे है और अपने व्यापार के चौपट होने की दुहाई दे रहे है मगर उपभोक्ता ऑनलाइन व्यापार से खुश नजर आ रहे है। उन्हें बाजार की धकमपेल से छुटकारा मिल रहा है। ऑनलाइन सेल में सामान सस्ता जरूर मिल रहा है मगर उपभोक्ता को सावधानी रखनी पड़ेगी क्योकि ठगी करने वाले गिरोह भी सक्रीय हो गए है। जो भोले भले लोगों को सस्ते माल के चक्कर में फंसा कर अपना उल्लू सीधा कर रहे है। ऐसे में लोगों ने सतर्कता नहीं रखी तो सस्ते में माल खरीदना महंगा भी पड़ सकता है। त्योहारी सीजन धोखे और ठगी से अछूते नहीं है। साइबर क्राइम भी चरम पर है। आये दिन लोगों के बैंक खातों से पैसे निकल जाने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। चोर उचके भी त्योहारी सीजन का इंतजार करते है। लोग त्यौहार की खरीददारी में व्यस्त हो जाते है तो ऑनलाइन ठग भी अपनी कारिस्तानी से बाज नहीं आते जिसमें न चाहते भी लोग थोड़े से लालच में आ कर फंस जाते है। इसलिए कहा जाता है सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी। इसी दुर्घटना से बचने के लिए समझदारी और सजगता की जरुरत है।

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