जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट ने भूमिगत केबल लाइनों के चलते सडक़ पर खुदे गड्डों का भराव नहीं करने पर नाराजगी जताई है। अदालत ने जेडीए और निगम निगम को कहा है कि वे केबल डालने वाली कंपनियों को पत्र जारी कर पाबंद करें कि पुराने गड्डे भरे बिना नए गड्डे नहीं खोदे जाए। इसके साथ ही अदालत ने जेडीए और निगम के आयुक्त और उपायुक्तों को कहा है कि वे शपथ पत्र पेश कर शहर में सफाई और आवारा पशुओं को पकडऩे के संबंध में जानकारी पेश करें। न्यायाधीश मनीष भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान निगम आयुक्त सहित अन्य संबंधित अधिकारी अदालत में पेश हुए। निगम आयुक्त ने कहा कि उन्होंने स्वयं की मॉनिटरिंग में गत दिनों करीब एक हजार सात सौ आवारा पशुओं को पकड़ा गया है। इस पर अदालत ने कहा कि यदि निगम ने इतने पशु पकडे हैं तो फिर संबंधित ठेकेदार क्या कर रहा है। अदालत ने कहा कि निगम हर साल करीब 13 हजार आवारा पशु पकडने के दावे कर रहा है। ऐसे में या तो उनके आंकडे गलत हैं या फिर जुर्माना इतना अधिक है कि पशु मालिक उन्हें छुडाने के लिए आता ही नहीं है। सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि शहर में जगह-जगह केबल डालने का काम चल रहा है। ठेकेदार सडक़ खोदकर काम होने के बाद उसे खुला छोडक़र दूसरी जगह सडक़ खोद देता है। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए पुराने गड्डे भरे बिना नए गड्डे खोदने पर रोक लगाते हुए आवारा पशु और सफाई को लेकर संबंधित अधिकारियों से शपथ पत्र पेश करने को कहा है।