नई दिल्ली। श्री राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण हेतु संसद में कानून बनाए मोदी सरकार. आज दिल्ली में हुई संत उच्चाधिकार समिति की बैठक में श्री राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष पूज्य महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज की अध्यक्षता में हुई संतों की उच्चाधिकार समिति की बैठक में सभी उपस्थित संतों ने एक स्वर से मोदीसरकार को आदेश दिया कि वहजन्म भूमि पर अपने बचनानुसार संसदीय कानून बना कर राम मंदिर के मार्ग की बाधाओं को दूर करे. पूज्य स्वामी वासुदेवानंद जी व पूज्य श्री विश्वेशतीर्थ महाराज ने तो स्पष्ट आदेश हीदिया कि प्रधान मंत्री आवश्यकता पड़ने पर लोक सभा व राज्य सभा का संयुक्त अधिवेशन बुलाकर कानून बनाएं और जन्म भूमि हिन्दुओं के हवाले करें.इस बैठक में रामानान्दाचार्यस्वामीहंसदेवाचार्य जी ने स्पष्ट कहा कि जो इस बिल का विरोध करेगा, देश के संत उसे उखाड़ फेंकेंगे. युग पुरुष परमानंद जी महाराज ने भी इस मत का समर्थन करते हुए कहा कि बिल आने पर ही मालूम चलेगा कि असली राम भक्त कौन है.पूज्यडा राम विलास वेदांती,पूज्यचिदानंद पुरी (केरल), स्वामी चिन्मयानंद जी वस्वामी अखिलेश्वरानन्द जी सहित सम्पूर्ण देश से आए जगत गुरुओं महा-मण्डलेश्वरों व अन्य धमार्चार्यों ने भी अपने झ्रअपने विचार व्यक्त करते हुए कानून बनाने की मांग का पुरुजोर समर्थन किया.
बैठक के बाद महंतनृत्य गोपाल दास जी के नेतृत्व में संतों का एक प्रतिनिधि मण्डल राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद से भी मिला. राष्ट्रपति को सम्बोधित इसज्ञापन में कहा गया है कि महामहिम ह्लअपनी सरकार को कहें कि वह अब कानून बनाकर रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त करें। आज की परिस्थिति में यही समाधान उपयुक्त लगता है।
राष्ट्रपति से मिलने वाले प्रतिनिधि मण्डल में जगद्गुरु रामानन्दाचार्य हंसदेवाचार्य जी महाराज, हरिद्वार, आचार्य महामण्डलेश्वर श्री स्वामी विशोकानन्द भारतीजी महाराज, हरिद्वार, महामण्डलेश्वर युग पुरुष श्री स्वामी परमानन्दगिरिजी महाराज, हरिद्वार, महामण्डलेश्वर विश्वेश्वरानन्द जी महाराज, मुम्बई, अग्रदेवाचार्य राघवाचार्यजी महाराज, सीकर, राजस्थान, स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती जी महाराज, हरिद्वार, स्वामी रामेश्वरदास वैष्णवजी महाराज, ऋषिकेश, स्वामी परमात्मानन्द जी महाराज, राजकोट के अलावा विश्व हिन्दू परिषद् के कार्याध्यक्ष आलोककुमार, उपाध्यक्ष चम्पतराय वसंयुक्त महासचिव डा सुरेन्द्रकुमार जैन भीसामिल थे.