जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने हैडमास्टर भर्ती-2018 में याचिकाकर्ता शिक्षकों के ऑफ लाइन आवेदन स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही अदालत ने आरपीएससी सचिव और शिक्षा सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश मोनिका व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत दिनों हैडमास्टर भर्ती के लिए आवेदन मांगे। जिसमें शिक्षक के पास पांच साल का अनुभव होना जरूरी रखा गया। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2012 की शिक्षक भर्ती के संशोधित परिणाम में चयनीत हुए थे। जिसके चलते उन्हें कुछ माह बाद नियुक्ति मिली।
अदालती आदेश पर राज्य सरकार ने उनकी नियुक्ति वर्ष 2012 से मानते हुए परिलाभ अदा कर दिए, लेकिन हैडमास्टर भर्ती के लिए उनके अनुभव को वर्ष 2012 से नहीं माना जा रहा। इसके अलावा कुछ अन्य अभ्यर्थी बीएसटीसीधारी हैं और पांच साल का अनुभव रखते हैं। इसके अलावा वर्तमान में बीएड के द्वितीय वर्ष में अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन बीएड की पात्रता नहीं होने के कारण उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया जा रहा। जबकि सेवा नियमों के तहत पात्रता पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल किया जा सकता है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार करने के निर्देश दिए जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के ऑफ लाइन आवेदन स्वीकार करने के निर्देश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।