जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार से तीन सप्ताह में बताने को कहा है कि एचआईवी अधिनियम वर्तमान में लागू है या नहीं? इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिए टाल दी है। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नान्द्रजोग और न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी की खंडपीठ ने यह आदेश गलोबल एलायंस फॉर ह्युमन राइट्स की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया है कि एचआईवी अधिनियम, 2017 को लागू किया जा चुका है, लेकिन इसके नियम नहीं बनने के चलते एक्ट लागू नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा एड्स मरीजों के पुनर्वास के लिए भी सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। यहां तक की एड्स रोगी का प्रारंभिक इलाज टीवी के रोगियों के साथ ही कर दिया जाता है। जबकि दूसरे चरण के इलाज के लिए मरीजों को दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। वहीं केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी राजदीपक रस्तोगी ने अदालत को बताया कि उनकी व्यक्तिगत जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार की ओर से अधिनियम को अधिसूचित नहीं किया है। ऐसे में उन्हें समय दिया जाए ताकि वे इस संबंध में अधिकृत जानकारी अदालत में पेश कर सके। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने केन्द्र सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया है।