जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक अभियोजन अधिकारी भर्ती-2015 के सभी खाली पदों को प्रतीक्षा सूची से दो माह में भरने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा है कि सात चयनित अभ्यर्थियों के पदभार ग्रहण नहीं करने के चलते उनका चयन गत 6 दिसंबर को रद्द किया गया है। ऐसे में प्रतीक्षा सूची की वैधता 6 दिसंबर से ही मानी जाए। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश सत्यप्रकाश शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में अधिवक्ता मोहित सोनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने 15 मई 2015 को सहायक अभियोजन अधिकारी के 281 पदों पर भर्ती निकाली। भर्ती में सफल अभ्यर्थियों को समय-समय पर नियुक्तियां दी गई। जबकि कुछ पदों पर नियुक्तियां नहीं दी गई।
वहीं दूसरी तरफ सात चयनित अभ्यर्थियों के पद ग्रहण नहीं करके के चलते गत 6 दिसंबर को उनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई। याचिका में कहा गया कि खाली पद होने के बावजूद आरपीएससी प्रतीक्षा सूची से अभ्यर्थियों का चयन नहीं कर रही है। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रतीक्षा सूची 18 जनवरी 2017 को बनाई गई थी। यह सूची केवल छह माह के लिए ही वैध रहती है। ऐसे में अब प्रतीक्षा सूची से अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी जा सकती। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने प्रतीक्षा सूची की वैधता गत 6 दिसंबर से मानते हुए सभी खाली पदों पर दो माह में नियुक्तियां देने के आदेश दिए हैं।