जयपुर। धानक्या में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्मारक के समारोह में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऐसे पहले चिंतक थे, जिन्होंने आजादी के बाद देश के लोकतंत्र में आए अधूरेपन को अपनी साधना से पूरा करने का प्रयास किया। गांव और गरीब उनकी विचारधारा का केन्द्र बिन्दु था तथा हमारी सरकार उनके आदर्शों पर चलकर गांव और गरीब के उत्थान के लिए काम कर रही है।
राजे ने कहा कि पंडित दीनदयाल ने राजनीति को नई दिशा दी। वे सिद्धांतविहीन राजनीति के खिलाफ थे। राजे ने कहा कि हमें गर्व है कि एकात्म मानववाद जैसा महान् विचार देने वाले दीनदयाल ने अपना बचपन तथा शुरूआती जीवन राजस्थान में गुजारा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीनदयाल के आदर्शो को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हमारी सरकार ने धानक्या में एक राष्ट्रीय स्मारक को बनाने का काम किया है। इस स्मारक में पंडित दीनदयाल जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं, उनके विचारों, उनके दर्शन तथा भारतीय राजनीति में उनके योगदान को प्रदर्शित किया गया है।