राजमहल होटल का विवाद फिर गहराया, गेट पर ताले जड़े, जेडीए अफसरों की गाड़ियों की हवा निकाल दी

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जयपुर। बीजेपी के बड़े नेताओं की ऒर से समझाइश के बाद भी लगता है होटल राजमहल का विवाद थमा नहीं है। दो माह बाद सोमवार रात 8 बजे जेडीए का दस्ता अचानक पूरे इंतजाम के साथ 7 बीघा 7 बिस्वा जमीन पर फेंसिंग करने के इरादे से पहुंचा। लेकिन पूर्व राजपरिवार ने गेट पर ताला जड़ दिया। रात 11 बजे तक हाईप्रोफाइल ड्रामा चलता रहा। आखिर जेडीए की टीम को बैरंग लौटना पड़ा। जो अफसर गेट खुले होने पर घुसे उनकी गाड़ियों की हवा निकाली, बैकडोर से लौटे।
राजमहल के गेट पर जेडीए की ओर से ताला लगाने के दौरान जेडीसी शिखर अग्रवाल ने 24 अगस्त की सुबह राजपरिवार की एक नहीं सुनी थी। मौके पर बीजेपी विधायक दीया कुमारी ने पहुंचकर गेट को सील नहीं करने की बात कही, लेकिन शिखर अग्रवाल ने गेट सील कर दिया। ठीक दो महीने में घटनाक्रम घूमा। 24 अक्टूबर की रात को जेडीए का पूरा दस्ता होटल राजमहल के बाहर खड़ा गेट खुलवाने की प्रतीक्षा करता रहा। लेकिन मौजूद नरेंद्र सिंह ने गेट नहीं खोला। गेट खुला होने के दौरान सबसे पहले जेडीए के जो जोन उपायुक्त विष्णु गोयल और उनके तीन कर्मचारी मौके पर पहुंचे थे। जिन्होंने ही नरेंद्र सिंह को जेडीए जमीन पर फेंसिंग करने के आदेश होने की बात कही। इसके बाद तुरंत विवादित गेट को बंद कर दिया गया। जोन उपायुक्त करीब ढाई घंटे तक होटल परिसर में ही घूमते और बैठे रहे। इस बीच स्टाफ ने उनकी गाड़ी की हवा निकाल दी। आखिरकार नरेंद्र सिंह से कहने के बाद पंप लाकर गाड़ी में हवा भरी और उन्हें क्रिस्टल पाम की ओर वाले गेट से निकाला गया। इस बारे में प्रमुख सचिव मुकेश शर्मा ने कहा कि पूरी कार्रवाई जेडीए की है, वो अपने स्तर पर कर रहे हैं, सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिया है। वहीं गेट खुलवाने वाली कमेटी में शामिल बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने खुद को इस मामले से अलग रखा।

पुलिस का झूठ

जेडीए अधिकारियों के कहने पर अशोक नगर थाना एसएचओ बालाराम मौके पर पहुंचे, लेकिन कुछ घड़ी में ही हालात भांप वापस लौटने लगे। जब जेडीए में तैनात डीवाईएसपी और इंस्पेक्टरों ने कारण पूछा तो कहा कि उनके इलाके में लूट की सूचना आई है, ऐसे में उनको जाना पड़ेगा। इसके बाद वापस नहीं आए।

हम हमारी जमीन कवर करने गए: जेडीसी

जेडीसी शिखर अग्रवाल ने बताया कि सोमवार देर शाम सूचना मिली थी कि मंगलवार को होटल राजमहल पैलेस के गार्डन में कोई कार्यक्रम है, जिसमें जेडीए हिस्से की जमीन को पार्किंग के उपयोग में लिया जाएगा। ऐसे में हमने हमारी जमीन को कवर करने के लिए कहा है। जेडीए वैसे भी रात में सड़क बनाने जैसे कई काम करता है।

मामला कोर्ट में, बिना सूचना क्याें आए : पूर्व राजपरिवार

मौके पर मौजूद पूर्व राजपरिवार के सदस्य नरेंद्र सिंह ने कहा- यह उनकी संपत्ति है और मामला कोर्ट में चल रहा है। वैसे भी उनको बगैर सूचना के कोई सीमाज्ञान नहीं हो सकता। जेडीए वालों का यह कौनसा तरीका है।

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