delhi. संसद का बजट सत्र, 2018 आज 6 अप्रैल अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। 29 जनवरी, 2018 को आरंभ बजट सत्र का पहला चरण 23 दिन के अवकाश के लिए 9 फऱवरी, 2018 को स्थगित कर दिया गया था। बजट सत्र का दूसरा चरण 5 मार्च, 2018 को शुरू हुआ, ताकि विभागों से जुड़ी स्थायी समितियां विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की अनुदान मांगों को रख सकें।
मीडिया को जानकारी देते हुए संसदीय कार्य, रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार, संसदीय कार्य और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री विजय गोयल तथा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बजट सत्र के पहले चरण में लोक सभा की 7 और राज्य सभा की 8 बैठकें हुईं। सत्र के दूसरे चरण में लोक सभा और राज्य सभा की 22 बैठकें हुईं। समूचे बजट सत्र के दौरान लोक सभा की 29 और राज्य सभा की 30 बैठकें हुईं। अनंत कुमार ने बताया कि सत्र के दौरान लोक सभा में पांच विधेयक पेश किए गए, जिन्हें सदन ने पारित कर दिया। एक विधेयक राज्य सभा द्वारा पारित किया गया। संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित/पारित मान लिए गए विधेयकों की संख्या 4 है। लोक सभा में पेश किए गए विधेयक, लोक सभा द्वारा पारित विधेयक, राज्य सभा द्वारा पारित विधेयक, दोनों सदनों द्वारा पारित/पारित मान लिए गए विधेयकों की सूची अंत में दी गई है।बजट सत्र के पहले चरण में लोक सभा में करीब 134 प्रतिशत और राज्य सभा में करीब 96 प्रतिशत कामकाज हुआ। सत्र के दूसरे चरण के दौरान लोक सभा में करीब 4 प्रतिशत और राज्य सभा में करीब 8 प्रतिशत कामकाज हुआ। संपूर्ण बजट सत्र के दौरान लोक सभा में 23 प्रतिशत और राज्य सभा में 28 प्रतिशत कामकाज हुआ।
वर्ष का पहला सत्र होने के कारण राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों को 29 जनवरी, 2018 को संबोधित किया। लोक सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा श्री राकेश सिंह ने शुरू की और उसे प्रहलाद वेंकटेश जोशी ने आगे बढ़ाया। धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आवंटित दस घंटे के समय के मुकाबले दस घंटा 43 मिनट चर्चा हुई। राज्य सभा मे धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा अमित शाह ने शुरू की और डॉ. विनय पी. सहस्त्रबुद्धे ने उसे आगे बढ़ाया। राज्य सभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे निर्धारित किए गए थे, जबकि इस पर 12 घंटे 45 मिनट चर्चा हुई। धन्यवाद प्रस्ताव पर पहले चरण में चर्चा के बाद दोनों सदनों ने इसे मंजूरी दे दी।
बजट सत्र होने के कारण यह सत्र मुख्य रूप से वित्तीय कामकाज को समर्पित था। पहले चरण के दौरान 1 फरवरी, 2018 को वर्ष 2018-19 का केन्द्रीय बजट पेश किया गया। दोनों सदनों में केन्द्रीय बजट पर चर्चा हुई। लोक सभा में 12 घंटे 13 मिनट और राज्य सभा में 9 घंटा 35 मिनट चर्चा हुई। बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान विभागों से संबंधित स्थायी समितियों ने अपनी मांगों और अनुदानों से जुड़ी रिपोर्ट प्रस्तुत की। मंत्रालयों/विभागों की अनुदान मांगों को सदन में रखा गया और लोक सभा ने 14 मार्च, 2018 को इन्हें पारित कर दिया। इनसे जुड़े विनियोग विधेयक भी पेश किए गए और उन्हें पारित कर दिया गया। लोक सभा ने 14.03.2018 को वित्त विधेयक 2018 पारित कर दिया। वर्ष 2017-18 के लिए अनुदानों की चौथी पूरक मांगों से संबंधित विनियोग विधेयक भी पेश किया गया और इसे उसी दिन पारित कर दिया गया। चूंकि विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक को लोक सभा से प्राप्त करने के बाद राज्य सभा ने इन्हें 14 दिन के भीतर नहीं लौटाया, इसलिए इन्हें लौटाने की अंतिम तिथि 28.03.2018 को समाप्त हो जाने पर संसद द्वारा इसे पारित मान लिया गया। विनियोग और वित्त विधेयकों को 29.03.2018 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद समूचा वित्तीय कामकाज 31 मई, 2018 से पहले समाप्त हो गया।