-भारत में संसदीय लोकतंत्र का जीर्णोद्धार’ विषय पर सेमिनार
कोलकाता। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि संसद को राजनीतिक विवादों का निबटारा करने का अखाड़ा नहीं बनाना चाहिए। वे आज कोलकाता में कोलकाता चैम्बर ऑफ कॉमर्स के 187 वें वार्षिक समारोह के अवसर पर ‘भारत में संसदीय लोकतंत्र का जीर्णोद्धार’ विषय पर सेमिनार को संबोधित को संबोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि राजनीतिक दलों को इस बात पर गंभीर अंतर्मंथन करना चाहिए कि संसद राजनीतिक विवाद के बिन्दुओं का समाधान करने का मंच नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि संसद देश में शांति, प्रगति और खुशहाली को बढ़ावा देने में कारग़र ढंग से काम करे।
उन्होंने हाल के दिनों में देश में संसदीय कार्यप्रणाली की विभिन्न हलकों में हुई आलोचना पर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि स्वयं सांसदों ने भी इस प्रणाली की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस आलोचना का कारण संसद और राज्य विधान मंडलों के कामकाज का तरीका है। इसकी वजह यह है कि हाल के वर्षों में संसदीय कार्य में मात्रात्मक और गुणात्मक दोनों ही दृष्टि से गिरावट आयी है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय सत्र के दौरान व्यवधान गंभीर चिंता का विषय है। नायडू ने कहा कि वर्तमान में ‘स्वस्थ बहस और विचार-विमर्श तथा संसद की विश्ववसनीयता’ जैसे मूल्यों पर व्यवधान, टकराव और सदन को जबरन स्थगित कराने जैसे कुप्रवृत्तियां हावी होती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण विषयों पर राजनीतिक पार्टियों के बीच आम सहमति बनाने की आवश्यकता जिससे संसद का मूल्यवान समय बचाया जा सकता है।