झालावाड़। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि किसी भी देश और प्रदेश की तरक्की में शांति एवं भाईचारा महत्वपूर्ण स्थान रखता है। सामाजिक सौहार्द एवं भाईचारे से ही विकास को गति मिलती हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में साढ़े चार सालों में आधारभूत विकास के साथ धरोहरों के संरक्षण के कार्य भी किये गए हैं, जिनसे हमारी आने वाली पीढ़ियों को गौरवशाली इतिहास की जानकारी मिल सकेगी।
राजे शुक्रवार को झालावाड़ जिले के अकलेरा उपखंड के जोगमंडी में काशी विश्वनाथ शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य में हर क्षेत्र में विकास आमजन की भागीदारी से ही संभव हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में आस्था एवं जागरण की परंपरा हमेशा से ही रही है। इसी का परिणाम है कि संत महात्मा के आशीर्वाद के कारण विकास के पथ पर हम आगे बढ़ सके हैं। उन्होंने समारोह में उपस्थित लोगों से सीधे रूबरू होते हुए कहा कि आपसे मेरा 30 साल पुराना रिश्ता है। लोगों के प्यार से ही प्रदेश की सेवा का मौका मिला है।
उन्होंने पुरानी यादों का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग आज दादा बन गए हैं और अब तीसरी पीढ़ी से भी हमारा उसी तरह का रिश्ता बना हुआ है। उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा सत्कार की परम्परा को भी क्षेत्र की विशेषता बताया। उन्होंने समारोह में काशी विश्वनाथ मंदिर की पहाड़ी पर ऐतिहासिक धूणी तक पक्की सड़क निर्माण कराने की घोषणा की।
राजे ने कहा कि सरड़ा क्षेत्र में बिंदली रोड पर 24 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे 15 गांव सीधे तौर पर लाभांवित होंगे। ढाई करोड़ रुपये की लागत से अकलेरा से गोपालपुर सड़क का कार्य कराया जा रहा है। साथ ही पेयजल के लिए एक करोड़ रुपये की योजनाओं पर कार्य प्रगतिरत हैं। उन्होंने बताया कि कोड़ी झर गांव में 56 लाख रुपये की लागत से 12 निर्माण कार्य, मोईकला से मोईखुर्द तक 55 लाख रुपये की लागत से सड़क निर्माण सहित डूंगर गांव तक ढाई करोड़ रुपये की लागत से पक्की सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में साढे़ चार साल में 600 करोड़ रुपये की लागत से 125 मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया है। 110 करोड़ रुपये की लागत से 40 स्थानों पर प्रदेश के ऐतिहासिक महापुरूषों के पनोरमा बनाए जा रहे हैं, ताकि आने वाले पीढ़ी को इतिहास पुरुषों के योगदान एवं उनके संदेशों से प्रेरणा मिल सके। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में धार्मिक आस्था के प्रमुख केन्द्र गुरू माखनदास की तपोस्थली में नवनिर्मित काशी विश्वनाथ मंदिर मे पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने समीप में शिवपुराण कथास्थल पर रामायण की आरती में भी भाग लिया।