गलत भुगतान के लिए अधिकारियों को धमका रहे हैं ठेकेदार, दौसा खण्डीय लेखाधिकारी सुरेश पांचाल ने की शिकायत, एजी कार्यालय में लिखित में की धमकाने-दुर्व्यहार की शिकायत
जयपुर। जलदाय विभाग का दौसा खण्ड एक बार फिर चचाओं में आ गया है। भ्रष्टाचार, मिलीभगत और फजीर्वाड़ों में अपनी अलग ही पहचान बना चुके विभाग के दौसा खण्ड फिर से ठेकेदारों का आतंक शुरू हो गया है। दौसा खण्ड कार्यालय में ठेकेदारों द्वारा अधिकारियों को धमकाकर गलत और फर्जी भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। खण्डीय लेखाधिकारी सुरेश पांचाल ने दौसा खण्ड कार्यालय में ठेकेदारों द्वारा धमकाने, दुर्व्यहार करने और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर महालेखाकार कार्यालय में शिकायत की है। दौसा खण्डीय लेखाधिकारी सुरेश पांचाल द्वारा की गई शिकायत के बाद महालेखाकर कार्यालय के उप महालेखाकर प्रशासन अशोक शर्मा की ओर से 2 अगस्त, 2018 को जलदाय विभाग मुख्य अभियंता प्रशासन अनिल कुमार श्रीवास्तव को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया। पत्र में उप महालेखाकार ने बताया कि खण्डीय लेखाधिकारी सुरेश पांचाल द्वारा अपने कार्यों का निर्वहन अच्छे से किया जा रहा है, लेकिन दौसा खण्ड कार्यालय में ठेकेदारों द्वारा उनके कार्य में व्यवधान उत्पन्न करने के साथ ही उनके साथ दुर्व्यहार, अपमानजनक भाषा का उपयोग कर धमकाया जा रहा है।
मामले पर जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता प्रशासन अनिल श्रीवास्तव की गंभीरता देखो की उनके द्वारा 2 अगस्त की शिकायत को लेकर 27 सितम्बर, 2018 को अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर-प्रथम को पत्र लिखकर मामले की जांच कर 7 दिन में कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए। शिकायत पर कार्रवाई को लेकर अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय जयपुर-प्रथम भी कहां पीछे रहने वाला था। कार्यालय की ओर से पूरे एक महिने बाद शिकायत को लेकर 29 अक्टूबर, 2018 को दौसा खण्ड अधिशाषी अभियंता को पत्र लिखकर मामले की व्यक्तिगत रूप से जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए। यानि कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि जलदाय विभाग में किसी अधिकारी को धमकाने के मामले की शिकायत को लेकर विभाग के अधिकारी कितने गंभीर है इस मामले का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2 अगस्त, 2018 को जलदाय विभाग मुख्य अभियंता प्रशासन को मिली शिकायत को अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय से अधिशाषी अभियंता कार्यालय तक पहुंचने में पूरे 3 महिने लग गए। जब एक शिकयती पत्र को विभाग के जलभवन मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर स्थित अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय जयपुर-प्रथम तक पहुंचने में 2 माह और अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय जयपुर-प्रथम से 50 किलोमीटर दूर स्थित दौसा अधिशाषी अभियंता कार्यालय तक पहुंचने में 1 माह से ज्यादा का समय लग सकता है, तो फिर मामले की जांच होने में पूरे 3 साल और उस पर कार्रवाई होने में तो पूरे 30 साल लग जाएंगे। क्या जलदाय विभाग में वाकई में लापरवाही की इतंहा हो रही है या फिर कार्रवाई को लेकर अधिकारियों की गंभीरता खत्म हो गई है।