जयपुर। सीसीआई ने अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने के लिए सीआईएल और इसकी सहायक कम्पनियों के खिलाफ आदेश जारी किया और जुर्माना लगाया. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने यह पाया है कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और इसकी सहायक कम्पनियों ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 4(2)(ए)(i) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। गैर-कोकिंग कोल की आपूर्ति के लिए विद्युत उत्पादकों के साथ किए गए ईंधन आपूर्ति समझौतों (एफएसए) में गैर-वाजिब-भेदभावपूर्ण शर्तें थोपने की बात को ध्यान में रखते हुए ही सीसीआई ने कोल इंडिया लिमिटेड एवं इसकी सहायक कम्पनियों को इन प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी करार दिया है।
कोल इंडिया लिमिटेड और इसकी सहायक कम्पनियों (महानदी कोलफील्ड्स लि., वेस्टर्न कोलफील्ड्स लि., साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि.) के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनी लि. और गुजरात राज्य विद्युत निगम लि. द्वारा दाखिल की गई सूचनाओं पर अंतिम आदेश आज जारी किया गया। सीसीआई ने बाजार में अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने के कारण सीआईएल पर 591.01 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
कोल इंडिया लिमिटेड और इसकी सहायक कम्पनियों (महानदी कोलफील्ड्स लि., वेस्टर्न कोलफील्ड्स लि., साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि.) के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कम्पनी लि. और गुजरात राज्य विद्युत निगम लि. द्वारा दाखिल की गई सूचनाओं पर अंतिम आदेश आज जारी किया गया। सीसीआई ने बाजार में अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने के कारण सीआईएल पर 591.01 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।