– भगवान सहाय बोले पेंशन ना होती तो ना जाने कितने दिन और बीमार रहते
जयपुर. राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जासके जिससे कि वे उच्च और गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सकें। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इसी दूरदर्शिता का परिणाम है कि प्रदेश के सभी वृध्द नागरिकों को वृध्दजन सम्मान पेंशन योजना के तहत पेंशन देकर उनके हितों का ध्यान रखा जा रहा है। बुजुर्गों के हित में शुरु की गई राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से प्रदेशभऱ के लाखों बुजुर्ग लाभान्वित हो रहे हैं साथ ही उनकी आर्थिक निर्भरता भी खत्म हुई है। राज्य सरकार की इस योजना के तहत 55 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिला तथा 58 वर्ष या इससे अधिक उम्र के पुरुषों को जिनके पास नियमित आय का कोई स्त्रोत नहीं है, को आर्थिक सहायता दी जा रही है।प्रदेश सरकार की इस योजना के माध्यम से दिसम्बर 2018 से सितम्बर 2022 तक 54 लाख 51 हजार 546 लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है।
– पेंशन राशि से पूरा हुआ सपना
राज्य सरकार की वृध्दजन सम्मान पेंशन योजना से प्रदेश में बुजुर्गों के हितों का ध्यान रखा जा रहा है उन्हीं में से एक हैं अलवर जिले की रहने वाली चंदा देवी। 74 वर्षीय चंदा देवी को इस योजना के तहत हर महीने 750 रूपये मिलते हैं जिससे वे बेहद खुश हैं। चंदा देवी बताती हैं कि पहले उन्हें अपने छोटे-छोटे खर्चों के लिए बेटों से पैसे मांगने पड़ते थे लेकिन अब वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं। चंदा देवी आगे कहती हैं कि उनका धार्मिक कार्यों में दान देने का शुरु से ही बहुत मन था लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उनकी ये इच्छा अधूरी ही थी। जब से राज्य सरकार की ओर से पेंशन मिलने लगी है वे उन्हें इकट्ठा करके थोडी-थोडी राशि धार्मिक कार्यों में भी खर्च करने लगी हैं जिससे वे बेहद खुश हैं।वे मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का तहेदिल से धन्यवाद देती हैं।
– पेंशन नहीं होती तो ना जाने कितने दिन बीमार रहते
भगवानसहाय भी राज्य सरकार की ओर से दी जा रही पेंशन राशि से बेहद खुश हैं। भगवानसहाय बताते हैं कि उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है उनके दो बेटे हैं जो खेती-बाडी कर अपना जीवनयापन करते हैं ऐसे में पूरे घर का खर्च बड़ी मुश्किल से चलता है। भगवानसहाय ने बताया कि कुछ महीने पहले ही सीढी से गिरने के कारण उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था। कुछ महीनों में हालत ठीक हुई लेकिन डॉक्टर ने वॉकर से चलने के लिए कहा जिससे पैर पर ज्यादा दवाब न पड़े। उन्होंने आगे बताया कि वैसे तो घर की हालत ठीक नहीं है लेकिन उन्होंने पेंशन की राशि से तुरंत वॉकर मंगवा लिया जिससे वे जल्दी ठीक हो गए। मुख्यमंत्री गहलोत को धन्यवाद देते हुए भगवानसहाय कहते हैं कि अगर उनको पेंशन नहीं मिल रही होती तो वे न जाने कितने दिन और बीमार रहते।