
नई दिल्ली। हाल ही पाक मीडिया की ओर से यह खबर सामने आई थी कि गुलटेरी स्थित एक कैंप पर पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ और तत्कालिन जनरल परवेज मुशर्रफ उस समय बाल-बाल बच गए थे जब भारत के लड़ाकू विमान जगुआर ने बमबारी की थी और निशाना चूक गया था।
इन सबके बीच पाकिस्तानी पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने कहा कि वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर था और भारत के खिलाफ परमाणु हमले का विचार आया। लेकिन उसके बाद सामने आने वाली जबरदस्त प्रतिक्रिया वे सहम गए। जिससे यह कदम नहीं उठा सके। जापान के दैनिक समाचार पत्र मैनिची शिम्बुन के अनुसार मुशर्रफ को यह आज भी याद है कि वे कैसे रात को सो नहीं सके और खुद से सवाल ही करते रहे कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करें या उनकी तैनाती करें।
पूर्व सैन्य तानाशाह के हवाले से अखबार ने कहा कि 2002 में तनाव अपनी पूरी चरम सीमा पर था। ऐसा भी खतरा सामने आया कि परमाणु हथियारों की दहलीज लांघी जा सकती थी। उस दौर में परवेज मुशर्रफ की ओर से बयान भी सार्वजनिक रुप से सामने आया था कि वह परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना को खारिज नहीं कर सकते। उन्होंने यह भी कहा कि उस समय भारत और पाकिस्तान की मिसाइलों पर परमाणु हथियार नहीं लगे थे, उन्हे परमाणु हथियारों से लैस करने में एक या दो दिन का समय लग सकता था।