नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिये देश भर में पटाखों की खरीद, बिक्री और
इनके भण्डारण पर रोक सहित अनेक कदम उठाने के बारे में दायर याचिका पर आज केन्द्र सरकार से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने केन्द्र के साथ ही दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों को भी नोटिस जारी किये। याचिका में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की बडी वजह पराली जलाने का समाधान ढूंढने सहित अनेक मुद्दे उठाये गये हैं। केन्द्र और राज्यों को चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करना है।
इस याचिका में देश भर में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही पर्यावरण के अनुरूप स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल और निर्माण की गतिविधियों से होने वाली धूल के बारे में नियमों को लागू करने हेतु निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। शीर्ष अदालत ने नौ अक्तूबर को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इस साल दीवाली के दौरान एक नवंबर तक के लिये पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। न्यायालय ने कहा था कि पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने संबंधी उसके पहले के आदेश पर अस्थाई रूप से हटाई जा रही रोक एक नवंबर से प्रभावी होगी। शीर्ष अदालत ने अपने नौ अक्तूबर के आदेश में कहा था कि पटाखों की बिक्री निलंबित करने संबंधी 11 नवंबर, 2016 के आदेश को दीवाली के दौरान इसके सकारात्मक प्रभाव के परीक्षण का एक अवसर दिया जाना चाहिए।