जलदाय विभाग की ठेका फर्म पर करोड़ों की मेहरबानी
जयपुर। जलदाय विभाग में ठेका फर्मों पर इंजीनियर्स की जमकर मेहरबानी बरस रही है। ठेका फर्मों पर विभाग के करोड़ों रूपए बकाया चल रहे हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी बकाया वसूली को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे। मैसर्स विष्णु प्रकाश आर. पुंगलिया पर जलदाय विभाग के 1 करोड़ 67 लाख रूपए पिछले 4 सालों से बकाया चल रहे हैं, लेकिन विभाग के इंजीनियर्स की मेहरबानी के चलते यह वसूली अटकी पड़ी है। विभाग के अधिकारियों और इंजीनियर्स की मिलीभगत के चलते एक ओर जहां ठेका फर्में राज्य सरकार को करोड़ों रूपए की राजस्व हानि पहुंचा रही है, वहीं दूसरी ओर कमीशन के लालच में ठेका फर्मों पर करोड़ों रूपए की मेहरबानी की जा रही है। दरअसल मैसर्स विष्णु पुंगलिया को जलदाय विभाग के सलूम्बर खण्ड कार्यालय में 3 मई, 2006 को 99.50 लाख कार्य आदेश जारी किया गया था, जिसके तहत फर्म को 97 लाख की लागत से योजना का कार्य करने के साथ ही 2.50 लाख से 5 साल तक आॅपरेशन एण्ड मेंटीनेंस का कार्य करना था। फर्म द्वारा मात्र 34 लाख का काम कर योजना का कार्य अधूरा छोड़ दिया।
विभाग की ओर से अधूरे कार्य पर फर्म को बार-बार नोटिस जारी किए गए, लेकिन फर्म ने कार्य पूरा नहीं किया। विभाग की ओर अनुबंध के क्लॉज 2 व 3 के तहत अधूरे कार्य को 12 नवम्बर, 2011 को रिस्क एण्ड कॉस्ट पर विड्रो कर लिया। विभाग की ओर से योजना का रि-टेंडर कर वर्ष 2014 में मैसर्स मनोज बागड़ी को 2.34 करोड़ का कार्य आदेश जारी किया गया। अधूरे कार्य और रिस्क एण्ड कॉस्ट के अनुसार विभाग की ओर से मैसस विष्णु पुंगलिया पर 1.75 करोड़ की राशि की वसूली निकाली गई, जिसमें से विभाग की ओर से 8.12 लाख रूपए की वसूली तत्काल कर ली गई। शेष 1.67 करोड़ की बकाया राशि की वसूली को विभाग के इंजीनियर्स ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। पिछले 4 साल से मैसर्स विष्णु पुंगलिया से विभाग की ओर से बकाया राशि की वसूली नहीं की गई। इतना जरूर है कि विभाग के इंजीनियर खुद को बचाने के लिए फर्म की बकाया राशि की वसूली को लेकर आलाधिकारियों को पत्र लिखकर खानापूर्ति जरूर कर रहे हैं, लेकिन बकाया राशि की वसूली को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।