जयपुर। जलदाय विभाग के एक पंपचालक कर्मचारी नेता ने फर्जी यात्रा बिल-भत्ते उठाकर राज्य सरकार को लाखों रूपए का चूना लगा दिया। विभागीय इंजीनियर्स की मिलीभगत से कर्मचारी द्वारा उपखण्ड कार्यालय में 20 साल से हर महिने यात्रा के फर्जी बिल-भत्ते उठाए गए, और जब शिकायत हुई तो अधिकारियों ने जांच के नाम पर खानापूर्ति कर ली। दरअसल विभाग के बालोतरा उपखण्ड कार्यालय के कर्मचारी नेता पंपचालक भंवरलाल पालीवाल द्वारा उपखण्ड कार्यालय में कार्यरत रहते पिछले 20 सालों से हर माह यात्रा भत्ता उठाया जा रहा था, जिसकी शिकायत हुई तो मामले का खुलासा हुआ। कर्मचारी नेता भंवरलाल पालीवाल द्वारा प्रस्तुत किसी भी यात्रा भत्ता बिल के साथ यात्राओं के दौरान मुख्यालय छोड़ने की अनुमति प्रार्थना पत्र, यात्राओं के लिए आदेश या अन्य किसी प्रकार का दस्तावेज नहीं लगाया, जिससे की यह साबित हो की कर्मचारी द्वारा यात्रा की गई।
कर्मचारी नेता भंवरलाल पालीवाल द्वारा यात्रा भत्ता बिलों में हर तीसरे-चैथे दिन यात्रा करना दशार्या गया, जबकि एक पंपचालक का विभाग के किस कार्य के लिए इतनी यात्रा की गई, उसका कहीं भी उल्लेख नहीं है। फर्जी यात्रा बिलों के भुगतान के मामले की शिकायत विभाग के आलाधिकारियों तक पहुंची तो कर्मचारी नेता को बचाने के लिए राजधानी में बैठे संगठन के बड़े नेताजी अपनी टीम के साथ जी-जान से जुट गए। विभाग के आलाधिकारियों पर पूरा दबाव बनाकार बड़े नेताजी ने मनमर्जी की जांच टीम गठित करवा ली। लेकिन पंपचालक कर्मचारी नेता के फर्जी यात्रा बिलों का खेल पिछले 20 सालों से चला आ रहा है, ऐसे में जांच टीम की एकतरफा जांच के बाद भी लाखों रूपए के फर्जी बिल भुगतान उठाने की पोल खुल ही गई।