न्यूयार्क। आगामी 21 अगस्त के सूर्यग्रहण के दौरान सौर भौतिक विज्ञानियों के एक दल ने सूर्य के धब्बों की हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें खींचने की योजना बनाई है। ये धब्बे सूर्य की सतह पर दिखने वाले चुंबकीय क्षेत्र का घनत्व होता है, जो माइक्रोवेब रेडियो वेवलेंथ पर नजर आते हैं। सौर धब्बों के कारण ही सूर्य दहकता हुआ नजर आता है। यह इलेक्ट्रोमैगनेटिक रेडियेशन और उससे ऊर्जा ग्रहण करने वाले कणों का एकाएक हुआ विस्फोट है, जो सूर्य की सतह पर फूटता है और अंतरिक्ष में फैल जाता है। सूर्य के घूमने से यह ऊर्जा भभकने लगती है।
न्यूजर्सी इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नॉलजी (एनजेआईटी) के प्रोफेसर डेल गेरी ने कहा, “सूर्य के कोरोना से निकलने वाले रेडियो तरंगों का तरंगदैर्ध्य लंबा होता है और रेजोल्यूशन मुख्यत: तरंगदैर्ध्य पर ही निर्भर होता है। इसलिए सूर्य की तस्वीरें खींचने पर कम रेजोल्यूशन वाली तस्वीरें मिलती हैं। लेकिन अगर हम सूर्यग्रहण के दौरान चंद्रमा की गति का अनुसरण करते हुए तस्वीरें खींचें तो हमें उच्च रेजोल्यूशन वाली तस्वीरें मिलेंगी। सूर्यग्रहण के दौरान चंद्रमा अलग-अलग समय पर सूर्य के अलग-अलग हिस्सों को ढंक लेता है। उन्होंने बताया, रेडियो तरंगें सूर्य के अन्यथा अदृश्य कोरोना के प्रति संवेदनशील होती है, खासतौर से इसका चुबंकीय क्षेत्र काफी संवेदनशील होता है। इसलिए हम सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य के सक्रिय क्षेत्रों के कोरोना की उच्च रेजोल्यूशन वाली तस्वीरें खींचने में सक्षम होंगे।