जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में नगर निगम की ओर से कहा गया कि जेडीए से ट्रांसफर होकर नगर निगम को करीब सात सौ कॉलोनियों मिली हैं। इन सबका भौतिक सत्यापन संभव नहीं है। ऐसे में शुरू में न्यायमित्र की ओर से बताई गई किन्हीं पांच कॉलोनियों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। यदि इन कॉलोनियों के रास्ते और सुविधा क्षेत्र में किसी तरह का अतिक्रमण मिलता है तो उसकी संपूर्ण जानकारी हाईकोर्ट में पेश कर दी जाएगी।
नगर निगम की ओर से यह जानकारी गृह निर्माण सहकारी समितियों की ओर से जमीनों में हो रही धोखाधड़ी को लेकर हाईकोर्ट की ओर से लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई के दौरान दी गई। अदालत ने न्यायमित्र अनूप ढड़ को कहा कि वे चाहे तो इस संबंध में अपने सुझाव अदालत में पेश कर सकते हैं। न्यायाधीश बनवारी लाल शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रेवतराम ने अदालत को बताया कि गृह निर्माण सहकारी समितियों के संबंध में 428 प्रकरण लंबित थे। इनमें से 298 प्रकरण अभी भी विचाराधीन हैं। इन मामलों की त्वरित जांच कर अदालत में रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी। उन्होंने अदालत को बताया कि धोखाधडी के मामलों में राशि बरामदगी के संबंध में भी कमिश्नरेट से पुलिस थानों को दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। ताकि पीडित पक्ष को समय पर राहत मिल सके।