sachin Pilot camp, bolded, Ashok Gehlot's statement

– अशोक गहलोत का सचिन पायलट को स्पष्ट संदेश, वे दुखी होते रहें, उन्हें कोई खतरा नहीं।
– गांधी जयंती पर प्रशासन शहरों के संग अभियान में सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर किए तीखे प्रहार।

  • राकेश कुमार शर्मा, एडिटर इन चीफ जनप्रहरी एक्सप्रेस
    जयपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती समारोह में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीखे तेवर देखने को मिले। सीएम अशोक गहलोत ने एक तरह से ऐलानिया चेतावनी देते हुए कहा, जिसको दुखी होना है, होता रहे। उसका कुछ नहीं होने वाला है। वो भी 15-20 साल तक। अशोक गहलोत का यह बयान एक तरह से पूर्व पीसीसी चीफ व डिप्टी सीएम सचिन पायलट व उनके खेमे के विधायकों व नेताओं को चेतावनी है कि वह अपने बगावती तेवर अपनाते रहे। उनके खिलाफ मोर्चा खोलते रहे और आलाकमान से भी मिलते रहे। वे कहीं जाने वाले नहीं है और ना ही उनके समर्थक मंत्री व नेता हटने वाले हैं। कुल मिलाकर अशोक गहलोत ने पायलट खेमे को आईना दिखा दिया है। साथ ही पायलट खेमे के विधायक व नेताओं को संदेश दे दिया कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। गहलोत के उक्त बयानों से कई तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। उनके बयान से दिख रहा है कि वे पायलट खेमे को कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं।
    कोरोना से प्रभावित होने और बाद में हार्ट का ऑपरेशन के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करीब एक साल से मीडिया से दूर रहे। सार्वजनिक कार्यक्रमों में कम ही नजर आए। स्वास्थ्य ठीक होने के बाद अशोक गहलोत ने गांधी जयंती पर जयपुर में प्रशासन शहरों के संग अभियान का शुभारंभ किया। गहलोत बिना किसी का नाम लिए विरोधी गुट पर जमकर चुटकी ली। गहलोत ने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मीडिया भी खूब अटकलें लगाती है। पंजाब के बाद राजस्थान व छत्तीसगढ़ में फेरबदल हो सकता है।
    गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार पांच साल चलेगी। फिर से जीत कर सत्ता में आएंगे। फिर से शांति धारीवाल ही यूडीएच मंत्री बनेंगे। विरोधी व विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि वे बीमार हैं। यह सही नहीं है। बिल्कुल ठीक हूं और आगे भी पन्द्रह बीस साल कहीं जाने वाला नहीं। किसी को चिंता करनी की जरुरत नहीं है। कोई नाराजगी नहीं है। खूब काम हो रहे हैं। हमारी सरकार चलेगी और फिर से सरकार बनेगी भी। अशोक गहलोत ने अपने तीखे बयानों से उन सभी सवालों का जवाब दे दिया, जो विपक्षी व पायलट गुट लगातार उठाता रहा है। विरोधी खेमे का कहना था कि अशोक गहलोत बीमार हैं। वे घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं, जिससे कामकाज नहीं हो रहा है। सरकार बदलने की चर्चा रहती है। कभी भी सरकार में फेरबदल हो सकता है। इस संबंध में विरोधी खेमा कांग्रेस आलाकमान से भी मिलता रहता था और उन्हें रिपोर्ट करता था। बीच-बीच में सरकार और संगठन में फेरबदल की चर्चा खूब होती थी। लेकिन गांधी जयंती समारोह में अशोक गहलोत ने अपने बयानों से सभी को जवाब दे दिया। चाहे वह पायलट खेमा हो, विपक्षी दल भाजपा या मीडिया। एक तरह से गहलोत ने उन अटकलों पर भी विराम लगा दिया है, जो विरोधी खेमा कांग्रेस आलाकमान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से मिलने के बाद यह संदेश प्रचारित करता कि पंजाब की तरह राजस्थान में भी बड़ा फेरबदल हो सकता है। सब तैयारियां हो गई है। कभी भी कुछ हो सकता है। वैसे भी सवा साल पहले पायलट गुट अपने बगावती तेवरों के माध्यम से पार्टी की किरकिरी करवा चुके हैं और सचिन पायलट की साख पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। तब पर्याप्त संख्या में विधायक नहीं जुटने के कारण पायलट मध्यप्रदेश में ज्योतिराव सिंधिया की तरह कोई मोल-भाव नहीं कर पाए और अपने प्लान में फेल हो गए। तभी से कांग्रेस के एक सौ विधायक, निर्दलीय विधायक अशोक गहलोत के साथ है और पायलट गुट के कई विधायक भी अशोक गहलोत के साथ आ गए हैं। एक तरह से अशोक गहलोत काफी मजबूत स्थिति में है। पायलट खेमा कांग्रेस आलाकमान, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लगातार मिल रहा है, वार्ता कर रहा है, लेकिन वे जो चाहते हैं, उस पर किसी तरफ का फैसला आलाकमान नहीं ले रहा है। इससे पायलट खेमे के विधायकों में मायूसी है।

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