जयपुर। देश-विदेश में चर्चित करोड़ों रुपए के पिनकॉन ग्रुप ठगी के मामले में 1० जनवरी को गिरफ्तार किए गए दीपक पुण्डीर (3०) निवासी दयाल बाग-आगरा, यूपी की जमानत अर्जी एडीजे-दो, जयपुर मेट्रो सुमन सहारण ने गंभीर अपराध बताते हुए पुन: खारिज कर दी। इससे पूर्व कोर्ट ने पुण्डीर की जमानत अर्जी 24 मार्च को खारिज की थी। चालान पेश होने के बाद अभियुक्त ने पुन: जमानत प्रार्थना पत्र दायर किया था। प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए विश्ोष लोक अभियोजन बी.एस. चौहान ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त वर्तमान में भी एलआरएन कम्पनी का निदेशक है तथा उसके द्बारा आरओसी में कम्पनी का फर्जी पता दिया गया था।
कम्पनी के द्बारा षड्यंत्र रचकर करोड़ों रुपए की राशि एकत्रित की गई है। दीपक पुण्डीर के खाते से 3 करोड़ रुपए विड्राल कर खुर्द-बुदã किए जाने का रिकार्ड उपलब्ध है तथा अन्य जांचें धारा 173 (8) में लम्बित है। गंभीर अपराध है, जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया जाए। कोर्ट ने आदेश में कहा कि अन्य निदेशकों के साथ षड्यन्त्र रचकर बिना निवेश राशि हासिल की है एवं फर्जी निवेश पत्र जारी किए गए। दीपक पुण्डीर यश बैंक में साईनिंग ऑथोरिटी था तथा 4० लाख रुपए जरिए चेक व करोड़ों रुपए नकद निकाल कर खुर्द-बुदã किया गया है। रिकार्ड भी नियमानुसार संधारित नहीं किया गया। निवेशकों की राशि नहीं लौटाई गई है। चालान के बाद प्रकरण की परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं आया है।