जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने कहा कि राजस्थान में जिन शाखाओं को पर्याप्त समय हुआ है, उन शाखाओं को समाज परिवर्तन के लिए समाज हित के उपक्रम प्रारंभ कर अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। डॉ. भागवत ने गुरूवार को जयपुर के भारती भवन में आयोजित संघ के राजस्थान क्षेत्र की कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित किया।
राजस्थान क्षेत्र के संघचालक डॉ. भगवती प्रसाद ने पत्रकारों को डॉ. भागवत के क्षेत्र कार्यकारीणी बैठक में हुई बातचीत की जानकारी देते हुए बताया कि शाखा कार्य को केंद्र बिन्दु मानते हुए शाखाएं हिंदू समाज के संगठन के साथ-साथ समाज की आवश्यकता के अनुरूप समाज हित के उपक्रम भी प्रारंभ करें, जैसे परिवार परामर्श केंद्र, जैविक खेती, जल संरक्षण, पौधारोपण व आरोग्य चेतना जैसे छोटे-छोटे कार्यक्रम नगरों की बस्तियों व ग्रामों में प्रारंभ किए जाएं ताकि समाज परिवर्तन का कार्य तेज गति से हो सके।
पूज्य सरसंघचालक ने कहा कि विद्यार्थी एवं युवा व्यवसायी शाखाओं के माध्यम से स्वयंसेवकों का कौशल विकास भी होते रहना चाहिए इसके लिए नैपुण्य वर्ग, अभ्यास वर्ग व कार्यशालाओं का समय समय पर आयोजन करना चाहिए। उन्होंने कहा छोटी-छोटी बातों पर समग्रता के साथ चिंतन होना चाहिए।
क्षेत्र कार्यकारिणी बैठक में शाखा, संगठन व जागरण श्रेणी और गतिविधि व सदस्य कार्यकर्ताओं के साथ तीनों प्रांतों के संघचालक, कार्यवाह सह-कार्यवाह, प्रचारक व सह-प्रचारक भी उपस्थित रहे। बैठक में कुल तीन सत्रों में विचार-विमर्श हुआ।
बैठक में शाखा कार्य की समीक्षा करते हुए शाखाओं को उपक्रम शील बनाने पर चिंतन हुआ। उन्होंने कहा कि अपनी शक्ति का योग्य आंकलन कर परिस्थिति को समझते हुए हम संपूर्ण समाज को जोड़ने के कार्य को तीव्र गति प्रदान करें।
बैठक में राजस्थान क्षेत्र के कार्यकर्त्ताओं ने क्षेत्र में चल रहे पर्यावरण परिवार परामर्श केंद्र, जैविक खेती, जल संरक्षण, पौधा रोपण व आरोग्य चेतना जैसे कार्या पर चर्चा हुई। जिसमें विषेष रूप से राजस्थान के भीलवाड़ा क्षेत्र में जल संरक्षण पर काम कर रहे अमृता देवी पर्यावरण (अपना) संस्थान के कार्य को उल्लेखित किया गया। अपना संस्थान ने गत वर्ष लगभग तीन लाख पौधे लगाएं। आज उनकी सार संभाल विभिन्न शाखाओं के माध्यम से स्वयंसवेक उनका जन्मदिन मनाकर कर रहे है।