प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कोविड-19 की स्थिति के बारे में पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। इस बातचीत में नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर और असम के मुख्यमंत्री शामिल हुए। मुख्यमंत्रियों ने कोविड महामारी से निपटने में समय पर की गई कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष देखभाल और महत्व के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की। मुख्यमंत्रियों के अलावा केन्द्रीय गृह, रक्षा, स्वास्थ्य, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास तथा अन्य मंत्री भी इस बातचीत में शामिल हुए।
मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में टीकाकरण में हुई प्रगति तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में वैक्सीन पहुंचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी दी। उन्होंने वैक्सीन लगवाने के बारे में दिखाई जा रही हिचकिचाहट और उसे दूर करने के मुद्दे के बारे में भी विचार-विमर्श किया। उन्होंने कोविड मामलों से बेहतर रूप से निपटने के लिए चिकित्सा के बुनियादी ढांचे में सुधार तथा पीएम-केयर निधि के माध्यम से दी गई सहायता के बारे में भी जानकारी दी। मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में संक्रमण दर के साथ-साथ कोविड मामलों की संख्या कम करने के लिए समय पर कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया।
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दैनिक मामलों की संख्या कम होने के बारे में जानकारी देते हुए आगाह भी किया कि कोविड दिशा-निर्देशों के पालन में ढील नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के कुछ क्षेत्रों में संक्रमण दर में बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रैकिंग और टीकाकरण के महत्व पर जोर दिया। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में कोविड मामलों के बारे में विवरण देते हुए कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में उच्च संक्रमण दर के बारे में चर्चा की। उन्होंने मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाए जाने के लिए उठाए गए कदमों के साथ-साथ टीकाकरण में हुए प्रगति के बारे में भी जानकारी दी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में कड़ी मेहनत करने और इन राज्यों में कठिन इलाकों के बावजूद टेस्टिंग, उपचार और टीकाकरण के लिए बुनियादी ढांचे के सृजन के लिए यहां के लोगों, स्वास्थ्यकर्मियों और पूर्वोत्तर की राज्य सरकारों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कुछ जिलों में महामारी के मामलों की बढ़ती हुई संख्या के बारे में चिंता जाहिर करते हुए इन संकेतों को पकड़ने और सूक्ष्मस्तर पर सख्ती बरतने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने इस स्थिति से निपटने के लिए सूक्ष्म नियंत्रण प्रोटोकॉल का उपयोग करने पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस बारे में पिछले डेढ़ साल में एकत्र हुए अनुभव और श्रेष्ठ प्रक्रियाओं का पूरा उपयोग करने का भी अनुरोध किया।
कोरोना वायरस की तेजी से स्वरूप बदलने वाली प्रवृत्ति को देखते हुए प्रधानमंत्री ने म्यूटेशन की कड़ी निगरानी करने और सभी प्रकार के वैरियंट्स पर पैनी नजर रखने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ म्यूटेशन और इसके प्रभाव का अध्ययन कर रहे हैं। इस परिदृश्य में रोकथाम और उपचार बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कोविड उचित व्यवहार पर भी बल दिया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जिस प्रकार शारीरिक दूरी, मास्क, वैक्सीन की उपयोगिता स्पष्ट है उसी तरह टेस्टिंग, ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट की रणनीति भी सिद्ध रणनीति है।