प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज केबिनेट मीटिंग में एक बड़ा फैसला लेते हुए देश और समाज में तेजी से बढ़ रहे रसूखदार व प्रभावशाली वर्ग पर गहरी चोट मारी है। मोदी सरकार ने वीवीआईपी और वीआईपी कल्चर को खत्म करने का साहसिक फैसला लेते हुए वाहनों पर लाल बत्ती पर रोक लगा दी है। एक मई से देश में सिर्फ पांच ही लोग (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट सीजेआई, लोकसभा स्पीकर) अपने वाहनों पर लाल बत्ती लगा सकेंगे। इस फैसले से आजादी के बाद से देश व समाज में तेजी से पनपे उस वीवीआईपी व वीआईपी कल्चर को खत्म करने की एक साहसिक कोशिस शुरु की है, जो अपने रुतबे और पैसों के दम पर समाज और जनता में अलग रौब डालने लगा है। जनता इस तेजी से उभरे नए वर्ग को देखकर ना केवल हैरान है, बल्कि उनमें हीन भावना घर करती जा रही है। देश में पहले से ही अमीरी-गरीबी का एक बहुत बड़ा गेप चल रहा है। इस गेप के बीच एक बड़ा ही रसूख और प्रभावशाली वर्ग भी तेजी से पनपा, जिनके वाहनों पर लाल बत्ती है। घरों के बाहर राइफलधारी सुरक्षा कर्मी तैनात है। अपने रसूखों से इस वर्ग ने लाल बत्ती और सुरक्षाकर्मी लिए। इससे समाज में अपना अलग रौब जमाया। इस नए वर्ग में केन्द्र और राज्यों के आला अफसर (आईएएस, आईपीएस व दूसरे अफसर), राजनेता, मंत्री, दबंग बदमाशों और व्यापारियों, एक्टर्स व अन्य ने यह सुविधा ले रखी है। लाल बत्ती की आड में यह वीवीआईपी और वीआईपी कल्चर तेजी से फैला, उसे तेजी से समाज व जनता में गलत मैसेज भी गया। इन सुविधाओं के दम पर इन वीवीआईपी कल्चर में शामिल लोगों ने समाज व जनता पर कहर भी बरपाया और अपने रसूखों के दम पर उनका कुछ बिगड़ा भी नहीं। इससे इस वर्ग से लोगों में खौफ फैला, साथ ही जनता में गुस्सा भी है कि इस देश में यह क्या हो रहा है। देश का संविधान और कानून सभी के लिए समान है, फिर क्यों कुछ लोग को विशेष सुविधाएं देकर उन्हें शक्तिशाली, प्रभावशाली और रसूखदार बनाया जा रहा है। यह वर्ग ना देश को कुछ समझता है, ना ही जनता और कानून को। कई मौकों पर इस वीवीआईपी वर्ग के लोगों ने अपने कृत्यों से इसे साबित भी कर दिया। खैर आजादी के इतने सालों बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने जनता और समाज की इस पीड़ा को समझा और आज इस वीवीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए पहली चोट मारते हुए लाल बत्ती वाहनों की सुविधा हटा दी। इस वर्ग को सामान्य वर्ग के साथ खड़ा होने के लिए पहला कदम बढाया है। संभवतया: आगे भी ऐसे ही कुछ साहसिक फैसलों से इस वीवीआईपी कल्चर को पूर्णतया खत्म किया जा सकेगा।

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