नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को मिले भारी बहुमत के बीच 4 राज्यों में भाजपा की सरकार बनने और केन्द्र में महत्वपूर्ण मंत्रालयों के रिक्त होने से अब केन्द्र की मोदी सरकार जल्द भारी फेरबदल कर सकती है। यह फेरबदल अगले माह संसद सत्र के खत्म होने के बाद हो सकता है। इस बदलाव की बयार में जहां कामकाजी मंत्रियों को पद्दोन्नति मिल सकती है तो 2 प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को केन्द्र में लाया जा सकता है। इसको लेकर चर्चाओं का बाजार जोरों पर है। इनमें केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, विदेश और रेल मंत्रालय सहित कई विभागों में फेरबदल तय है। मनोहर पर्रिकर के गोवा जाने के बाद रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त जिम्मा अरुण जेटली के पास है, जिससे उनका कामकाज बढ़ गया है। सुषमा स्वराज के किडनी ट्रांसप्लांट होने कारण विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी किसी अन्य को देने की संभावना है। सुषमा को बिना पोर्टफोलियो का मंत्रालय सौंपा जा सकता है या फिर उन्हें सुमित्रा महाजन की जगह लाया जा सकता है। हालांकि सुषमा स्वराज बुधवार को स्वास्थ्य लाभ के बाद सदन में आई और स्वस्थ नजर आ रही थी। इधर राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा दलित चेहरे थावरचंद गहलोत को और उपराष्ट्रपति के लिए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को कुर्सी सौंपनें की कवायद जोरों पर है। इसके अतिरिक्त पीएम मोदी के करीबी मंत्री सुरेश प्रभु व पीयूष गोयल को पद्दोन्नति के पूरी संभावना है। सुरेश प्रभु के पास रक्षा मंत्रालय तो पीयूष गोयल के पास वित्त की जिम्मेदारी आ सकती है। जबकि मध्यप्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली बुलाकर कृषि मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जा सकता है। वर्तमान कृषि मंत्री राध मोहन व उम्रदराज वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र की छुट्टी हो सकती है। इन सबके बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को हिमाचल में पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। जहां नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होने हैं। मणिपुर में भाजपा की पहली बार सरकार बनाने में अहम रोल निभाने वाले प्रहलाद पटेल को मोदी सरकार में खास जिम्मेदारी मिलने के कयास है। वैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत वर्ष जुलाई माह में ही कैबिनेट का विस्तार किया था। जिसमें एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी को कपड़ा तो प्रकाश जावड़ेकर को एचआरडी की जिम्मेदारी दी गई। वहीं वैंकेया नायडू को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी देने के साथ एमजे अकबर को विदेश राज्यमंत्री बनाया गया था। पार्टी का इस बार प्रमुख ध्यान युवाओं को सामने लाना है। जिस पर इन दिनों पीएम गंभीरता से मंथन कर रहे हैं।
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