नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट को लॉन्च किया। बैंकिंग यूनिट का लक्ष्य देश के कोने-कोने तक डिजिटल बैंकिंग का लाभ पहुंचाना है। इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया जाए। बैंकिंग यूनिट में साल में 365 दिन 24 घंटे बैंकिंग सुविधाएं मिलेंगी। लॉन्चिंग के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अन्य लोग भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम से जुड़े।
इस मौके पर मोदी ने कहा कि आज देश में हर एक लाख वयस्क आबादी पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वो जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी ज्यादा है। हमने बैंकिग सेवाओं को दूर-सुदूर में, घर-घर तक पहुंचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। आज भारत के 99% से ज्यादा गांवों में पांच किमी के अंदर कोई न कोई बैंक ब्रांच, बैकिंग आउटलेट या बैंकिंग मित्र मौजूद है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 8 डिजिटल बैंकिंग यूनिट खोली हैं। ये 8 डिजिटल बैंकिंग यूनिट इंदौर, कानपुर देहात, करौली, कोटा, लेह, सिलवासा, वडोदरा और वाराणसी में खोली गई हैं। इसमें 11 पब्लिक सेक्टर बैंक, 12 प्राइवेट सेक्टर बैंक और एक फाइनेंस बैंक भाग ले रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट भाषण में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर देश के 75 जिलों में 75 बैंक ऑफ बड़ौदा ने 8 डिजिटल बैंकिंग यूनिट खोली हैं। ये 8 डिजिटल बैंकिंग यूनिट इंदौर, कानपुर देहात, करौली, कोटा, लेह, सिलवासा, वडोदरा और वाराणसी में खोली गई हैं। छोटे आउटलेट होंगे जो लोगों को डिजिटल बैंकिग से जुड़ी कई तरह की सुविधाएं देंगे। इसमें बचत खाते खोलने, बैलेंस-चेक करना, फंड ट्रांसफर, पासबुक प्रिंट करना, निवेश, लोन एप्लिकेशन, जारी किए गए चेक के लिए पेमेंट रोकने के निर्देश, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए आवेदन, टैक्स और बिल पेमेंट जैसी कई तरह की सुविधाएं शामिल हैं।
कस्टमर की बैंकिंग प्रोडक्ट और सर्विस तक पहुंच को आसान बनाएंगे। डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स फाइनेंशियल लिटरेसी को बढ़ाने में मदद करेंगे। इसके अलावा ये बैंकिंग के डिजिटल तौर-तरीकों को बढ़ावा देंगे और कस्टमर को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में भी मदद करेंगे। कॉमर्शियल बैंक जो पहले से ही डिजिटल बैंकिंग कर रहे हों, अब डिजिटल बैंक यूनिट भी चला सकेंगे। यह बैंक फिजिकल होंगे, यानी इन यूनिट्स में आप जा सकेंगे पर इनकी सेवाएं पूरी तरह डिजिटल होंगी। डिजिटल बैंकिंग का लाभ अब तक करीब 20 करोड़ भारतीयों तक ही पहुंचा है। अभी भी करोड़ों नागरिक डिजिटल बैंकिंग सिस्टम से बाहर हैं। बैंक अब भारत के ऐसे कोनों में पहुंचेंगे जहां ब्रांच स्थापित करना मुश्किल था। इससे ज्यादा ग्राहकों को सेवाएं दे पाना संभव होगा। बैंक अपना बिजनेस बढ़ा सकेंगे।
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