– सीएम अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए खुद को बड़ा फकीर बताया
जयपुर. विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासी तल्खियां बढ़ने लगी हैं। सीएम अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए खुद को बड़ा फकीर बताया है। गहलोत ने कई मुद्दों पर पीएम पर चुन-चुन कर जुबानी हमले किए। गहलोत ने कहा- प्रदेशवासियों को मुझ पर विश्वास करना चाहिए। मैं जो कुछ कहता हूं, दिल से कहता हूं। मैं मोदी जी आपसे बड़ा फकीर हूं। आपने नोट किया होगा कि मोदी जी जो ड्रेस एक बार पहन लेते हैं, वो रिपीट नहीं करते हैं। दिन में एक, दो, तीन बार ड्रेस बदलते होंगे पता नहीं। मैं मेरी ड्रेस वही रखता हूं, मैं फकीर नहीं हूं क्या? गहलोत नए जिलों के उद्घाटन समारोह के दौरान बिड़ला ऑडिटोरियम में बोल रहे थे। गहलोत ने कहा मैंने अपनी जिंदगी में एक प्लॉट नहीं खरीदा है। एक फ्लैट नहीं खरीदा है। मैंने एक ग्राम सोना नहीं खरीदा है। वो मुझसे बड़े क्या फकीर होंगे? उनका चश्मा ढाई लाख का है। मुझसे क्या सुनना चाहते हैं वो? पहले राहुल गांधी ने नहीं कहा था ‘सूट-बूट की सरकार’। जब पहली बार पीएम बने तो मोदी का सूट लंदन से बनकर आया था। 10 लाख का सूट था, जैसे ही राहुल गांधी ने ‘सूट-बूट की सरकार’ बताकर अटैक किया, उस सूट को बेचना पड़ा।
गहलोत ने कहा मेरी बेटी की शादी हुई तो मेरी वाइफ ने कोई 90 हजार के चैक दिए होंगे। एमएलए-एमपी को फ्लैट मिलते हैं तो 40 साल पहले कोई 90 हजार का प्लॉट मानसरोवर में मिला था। वो प्लॉट 10 साल की किस्तों में दिया। एमपी को दिल्ली में फ्लैट मिलता है। वह द्वारका में है। उसका कोई 15 हजार किराया आता है, कैसा फ्लैट होगा वो? उसकी 15 साल तक किस्तें चुकाईं।
गहलोत ने कहा प्रधानमंत्री पद का मान-सम्मान करते हैं। प्रधानमंत्री देश का होता है वह बीजेपी का नहीं होता है। प्रधानमंत्री को अब तक भ्रम है कि मैं बीजेपी का प्रधानमंत्री हूं तो उसका क्या कर सकता हूं? उनका देश में बोलने, चलने में जो व्यवहार है। वो ऐसा है जैसे वो एक पार्टी के ही प्रधानमंत्री हैं। वो खाली हिंदुओं के ही प्रधानमंत्री हैं। यह बहुत खतरनाक बात है। आप डेमोक्रेसी में प्रधानमंत्री चुने गए हो। डेमोक्रेसी देश में कांग्रेस ने स्थापित की है। गरीब का मान-सम्मान आज है। वह डेमोक्रेसी की वजह से है। गहलोत ने कहा पिछले दिनों चिरंजीवी योजना में लाभार्थी संवाद था। अलवर की धापू देवी का हार्ट बदला था। उन्होंने मुझसे कहा बार-बार आप ही सीएम बनो। मैंने कहा कि धापू देवी जी मैं तो मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है। मैं राजनीति में हर बात सोच-समझ कर बोलता हूं। मैं ऐसे ही कमेंट नहीं करता। मैंने यह बात सोच-समझ कर बोली थी। मैं मीडिया वालों को कहना चाहता हूं कि इसका मतलब यह मत समझना कि मैंने चलते हुए ही कमेंट्री कर दी। मैं राजनीति के अंदर हर शब्द सोच-समझ कर बोलता हूं।
– पद छोड़ने की बात कहने में हिम्मत चाहिए
गहलोत ने कहा कई बार मन में आता है कि छोड़ दें। क्यों आता है वह छोड़िए। यह तो रहस्य है। यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है। यह कहने में आदमी को हिम्मत चाहिए। हाईकमान फैसला करे, वह मंजूर है। सोचिए, इतना बड़ा फैसला मैं खुद कह रहा हूं कि हाईकमान का निर्णय तो मुझे मंजूर होगा ही। यह कहने की हिम्मत चाहिए कि मैं पद छोड़ना चाहता हूं, पद मुझे नहीं छोड़ रहा है। 2030 की बात मैं क्यों कर रहा हूं? वह प्रदेशवासियों के विश्वास पर कर रहा हूं। उस वक्त कौन सीएम रहेगा, पता नहीं। गहलोत ने कहा मैं कोरोना के दौरान घर में सोया रहा। उससे और कमजोरी आ गई। क्योंकि बचपन से मैं उछल-कूद करने वाला आदमी रहा हूं। उछल-कूद करते पूरी जिंदगी बीत गई। पता ही नहीं लगा कि मैं कब 70 साल का हो गया? यह तो कोरोना आया और लगा कि कोरोना हो गया। कोरोना के कारण हार्ट में स्टेंट भी लग गया। मैं कई जगह शादी समारोहों में जाता हूं। दूल्हा-दुल्हन के मां-बाप कहते हैं कि आप हमारी शादी में भी आए थे। मुझे उम्र का पता ही नहीं लगा।
गहलोत ने कहा आज मुझे फलोदी जाना था, लेकिन कोर्ट में पेशी के कारण लेट हो गया। संजीवनी घोटाले में जब मैंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और परिवार को आरोपी बताया तो उन्होंने मेरे खिलाफ मानहानि का केस कर दिया। संजीवनी घोटाले में पीड़ित गरीब लोगों का पैसा डूब गया। मैं तो कहता हूं कि अगर मेरे जेल जाने से गरीबों का पैसा वापस मिलता है तो मैं जेल जाने को तैयार हूं। केंद्रीय मंत्री शेखावत संजीवनी घोटाले में गरीबों का पैसा वापस क्यों नहीं दिलाते? इथियोपिया में बड़े-बड़े फार्म हाउस खरीद रखे हैं।
– राजस्थान में अब दमखम है
गहलोत ने कहा एक साथ इतनी संख्या में जिले कभी नहीं बने। मैं 2030 तक का विजन कहने की हिम्मत क्यों कर रहा हूं। यह प्रदेशवासियों के विश्वास की वजह से एहसास कर पा रहा हूं। अब राजस्थान में दमखम है। पहले राजस्थान में दमखम नहीं था। उद्योग-धंधे थे नहीं, परेशानी होती थी। अब शिक्षा का क्षेत्र हो या कोई और क्षेत्र, हम हर जगह अव्वल हैं। देश के प्रीमियम इंस्टीट्यूट राजस्थान में हैं। IIT, IIM जैसे प्रीमियर इंस्टीट्यूट खुल गए। साधु-संतों की तरह प्रवचन करने लग जाऊं तो सरकार के काम बताने में 4-5 घंटे लगेंगे. राजस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी तरक्की कर ली है। मेरे दोनों बच्चों वैभव गहलोत और सोनिया ने पुणे में पढ़ाई की है क्योंकि उस वक्त इतने साधन नहीं थे। लेकिन, अब बच्चों को बाहर नहीं जाना पड़ रहा है। सारे संस्थान राजस्थान में खुल गए हैं। साधु-संतों की तरह प्रवचन करने लग जाऊं तो सरकार के काम बताने में चार-पांच घंटे लगेंगे।
– बनेंगे 8 नए जिले और 2 संभाग
राजस्थान अब 50 जिलों के साथ देश का तीसरा सबसे ज्यादा जिलों वाला राज्य बन गया है, लेकिन चुनाव से पहले कई और नए जिले और संभाग बनाए जा सकते हैं। खुद मुख्यमंत्री भी इसके संकेत दे चुके हैं। इसलिए नए जिलों के लिए गठित रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल भी 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। इस कमेटी के पास फिलहाल 32 शहरों या बड़े कस्बों को जिला बनाने के प्रस्ताव आ चुके हैं, जिनका पिछले डेढ़ महीने से परीक्षण किया जा रहा था। इनमें से 8 से 10 शहरों को जिला बनाने योग्य माना जा रहा है। कई क्षेत्रों की फाइल तो खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों-मंत्रियों और आम जनता की मांग पर कमेटी के पास भिजवाई है। सूत्रों की मानें तो सरकार जल्द ही और नए जिलों की घोषणा कर सकती है।

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