delhi.नीति आयोग के अटल नवोन्मेषण मिशन ने आज अटल न्यू इंडिया चैलेंजेज लांच करने की घोषणा की, जो प्रधानमंत्री के नवोन्मेषणों एवं प्रौद्योगिकियों को लोगों के लिए प्रासंगिक बनाने के आह्वान के बाद अस्तित्व में आया है। लांच से संबंधित समारोह में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी एवं जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी, पीने का पानी एवं स्वच्छता राज्य मंत्री एस.एस. अहलुवालिया, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत एवं एआईएम के मिशन निदेशक रामनाथन रमणन भी उपस्थित थे।
सामर्थ्य, प्रयोजन एवं प्रौद्योगिकियों को उत्पाद के रूप में ढ़ालने की क्षमता प्रदर्शित करने वाले आवेदकों को एक करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान सहायता के अतिरिक्त परामर्श, हैंडहोल्डिंग, इंक्यूबेशन तथा वाणिज्यीकरण के विभिन्न चरणों में आवश्यक अन्य समर्थन भी प्रदान किए जाएंगे और इससे व्यापक परिनियोजन भी सृजित होगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने समावेशी एवं नवोन्मेषी समाधान सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए अपनी विकास क्षमता को तेज किया है। यह पहल प्रमुख क्षेत्रों में समस्याओं के समाधान की दिशा में हमारे प्रयासों पर फोकस करेगी, जिसका हमारे नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा और इससे रोजगार का भी सृजन होगा। विभिन्न चरणों में वर्णित विषय भारत की आवश्यकताओं के साथ जुड़े हुए हैं और नवोन्मेषण की सहायता से हम न्यू इंडिया की दिशा में एक बड़ी छलांग लेने के लिए तैयार हो चुके हैं।”
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, आवास एवं शहरी मामले, कृषि एवं किसान कल्याण, पीने का पानी एवं स्वच्छता मंत्रालयों तथा रेल बोर्ड के साथ साझेदारी करने के जरिए एआईएम भारत के नवोन्मेषकों की क्षमता का लाभ उठाने का प्रयास करेगा। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ आवश्यकता आधारित नीति एवं आर्थिक गतिविधि के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि नवोन्मेषी नीतियां एक न्यू इंडिया के प्रधानमंत्री के स्वप्न को साकार करने में मदद करेंगी। केन्द्रीय राज्य मंत्री एस.एस. अहलुवालिया ने भू-जल रिचार्ज की समस्याओं के किफायती समाधान की पहचान करने की आवश्यकता तथा यह सुनिश्चित करने कि प्रत्येक नागरिक को पीने के स्वच्छ पानी की सुविधा प्राप्त हो, पर बल दिया। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भारत के लिए विशिष्ट समस्याओं के अनूठे प्रौद्योगिकीय समाधानों की पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि “भारत के नागरिकों की सेवा में अधिक नवोन्मेषणों को लाने के लिए अधिक व्यक्तियों एवं कंपनियों की भारत की आवश्यकताओं के लिए नवोन्मेषण करने और स्टार्टअप्स, सरकारी योजनाओं तथा अन्य उपयोग तंत्रों जैसे कई तंत्रों के जरिए नवोन्मेषित उत्पादों को बाजार तक ले जाने की आवश्यकता होगी।” उन्होंने इस तथ्य को भी रेखांकित किया कि पर्याप्त विचार-विमर्श करने एवं साझेदार मंत्रालयों के साथ गहन चर्चा करने के बाद ये चैलेंजेज जारी किए जा रहे हैं।