जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एसीबी अपनी इंटेलीजेंस विंग को और अधिक चौकस बनाकर बेनामी सम्पत्तियों तथा भ्रष्टाचार के मामलों में अधिक मजबूती के साथ काम करे। राज्य सरकार उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में कोई कमी नहीं रखेगी।
गहलोत बुधवार को एसीबी मुख्यालय में ब्यूरो के कामकाज एवं कार्यप्रणाली की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह शासन देने की दिशा में भ्रष्टाचार पर राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि चाहे छोटा हो या कोई भी बड़ा अधिकारी किसी को भी भ्रष्टाचार के मामले में बख्शा नहीं जाएगा।
-पुलिस और एम्बुलेंस की तरह एसीबी के लिए होगा यूनिफाइड नंबर
मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेप, आय से अधिक सम्पत्ति तथा पद के दुरूपयोग के मामलों में शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाए, साथ ही उन्हें उचित संरक्षण दिया जाए ताकि भ्रष्टाचार को उजागर करने वालों को प्रोत्साहन मिले और भविष्य में उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। श्री गहलोत ने पुलिस (100) तथा एंबुलेंस (108) सेवा की तर्ज पर एसीबी के लिए भी एक यूनिफाइड फोन नम्बर शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस नम्बर का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि आम आदमी इस नंबर पर बिना किसी परेशानी के अपनी शिकायत दर्ज करवा सके।
-जीएसटी रिफण्ड में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए चलाएंगे अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी कंपनियां बनाकर जीएसटी का गलत तरीके से रिफण्ड उठाने के मामले सामने आ रहे हैं। ऎसे मामलो में वित्त विभाग के सहयोग से एसओजी और एसीबी एक कार्ययोजना बनाकर व्यापक अभियान चलाएं ताकि फर्जीवाड़ा करने वाले इन लोगों पर लगाम कसी जा सके। उन्होंने कहा कि निवेश का झांसा देकर भोले-भाले लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने वाली चिट-फण्ड एवं मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनियों तथा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटियों पर भी शिकंजा कसा जाए। श्री गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों का प्रभावी रूप से उपयोग कर प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। साथ ही हमारी पिछली सरकार में बेईमानी से सम्पत्ति अर्जन पर अंकुश लगाने के लिए बनाए गए विशेष न्यायालय अधिनियम के प्रावधानों का अध्ययन भी करें।
-सभी सरकारी विभागों में सीवीओ सिस्टम को बनाएं और मजबूत
गहलोत ने कहा कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी लगाने की व्यवस्था को और मजबूत बनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि विभागीय अधिकारी की बजाय दूसरे विभाग से मुख्य सतर्कता अधिकारी की नियुक्ति की जाए ताकि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से बिना किसी दबाव के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर सके।
-एसीबी में रिक्त पदों को 15 दिसम्बर तक भरें
मुख्यमंत्री ने बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को निर्देश दिए कि एसीबी में रिक्त पदों को 15 दिसम्बर तक भरा जाए। उन्हाेंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में संंबंधित विभाग अभियोजन की स्वीकृति पर नियत अवधि में निर्णय करें। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वे इस संबंध में जल्द ही विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक लेकर लंबित प्रकरणों की समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि अभियोजन स्वीकृति के मामलों में समय पर निर्णय नहीं होने से एसीबी के मनोबल पर विपरीत असर पड़ता है और भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने निर्देश दिए कि एसीबी से संबंधित मामलों के निराकरण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाए।
-सरकारी ठेकों और खरीद में पारदर्शिता के लिए बनाएं पुख्ता व्यवस्था
गहलोत ने सरकारी ठेकों तथा खरीद में पारदर्शिता पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए सूचना तकनीक के उपयोग से ऎसा सिस्टम बनाएं, जिससे ठेके और खरीद की प्रक्रिया आसान भी हो और उसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रहे। मुख्यमंत्री ने एसीबी की सराहना करते हुए कहा कि बीते कुछ समय से ब्यूरो ने बेहतर काम किया है। उन्होंने कहा कि एसीबी के पास स्वयं के किसी कार्मिक के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की प्रमाणिक शिकायत आती है तो उसे सख्त कार्रवाई से दण्डित किया जाए ताकि इस एजेन्सी पर आमजन का विश्वास और अधिक पुख्ता हो।
बैठक मेें बताया गया कि एसीबी को सशक्त बनाने के लिए अत्याधुनिक ट्रांसक्रिप्शन सॉफ्टवेयर, तकनीकी मामलों की सही तफ्तीश के लिए विभिन्न विधाओं के विशेषज्ञों का पैनल तथा आवश्यक मानवीय एवं भौतिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, डीजी एसीबी आलोक त्रिपाठी, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, एडीजी एसीबी सौरभ श्रीवास्तव, आईजी एसीबी दिनेश एम.एन., डीआईजी एसीबी हिंगलाजदान तथा डीआईजी एसीबी दिलीप कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।