नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम जैदी ने कहा कि दुनिया के कुछ देशों में अनिवार्य मतदान की व्यवस्था है, लेकिन भारत में यह व्यावहारिक नहीं है। इस मसले पर हम दूसरों की राय सुनने को राजी हैं। डॉ. जैदी नई दिल्ली में प्रथम अंतरराष्ट्रीय मतदाता शिक्षा सम्मलेन का उद्घाटन करते हुए ये विचार व्यक्त किए। इस तीन दिवसीय सम्मलेन में 27 देशों और पांच अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे है।
डॉ.जैदी ने कहा, कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और यहां कई महाद्वीपों की आबादी से ज्यादा मतदाता हैं। हमने पिछले 60 सालों से विश्वसनीय चुनाव संपन्न कराए हैं लेकिन इसके बावजूद अभी भी मतदान के दौरान वोट खरीदने, मतदाताओं को लालच देने तथा प्रभावित करने की घटनाएं होती है। इसे नैतिक मतदान से रोकना जरुरी है और इसके लिए मतदाताओं को शिक्षित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में चुनाव में मतदाताओं की कम भागीदारी है और कुछ विशेष लोगों में मतदान को लेकर अरुचि भी बढ़ रही है। लोगों में इस अरुचि के अलग अलग और व्यक्तिगत कारण हैं लेकिन कुछ लोगों के नजरिए और ²ष्टिकोण तथा अन्य बाधाओं के कारण भी भागीदारी कम है। कुछ कारण ज्ञात हैं तो कुछ अज्ञात कारण है जिनका पता लगाया जाना चाहिए। कुछ देशों में अनिवार्य मतदान की व्यवस्था है और पहले भी इस पर चर्चा-बहस होती रही है। अनिवार्य मतदान और मतदाता को शिक्षित कर मतदान में उनकी भागीदारी बढ़ाए जाने का तुलनात्मक अध्ययन किए जाने की एक बार फि र जरुरत है लेकिन हमने भारत में अनिवार्य मतदान को व्यावहारिक नहीं पाया है लेकिन हम इस मुद्दे पर दूसरों की राय सुनना चाहेंगे।

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