Innocent

नई दिल्ली। रायन इंटरनैशनल स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी अशोक कुमार के परिवारवाले इस घटना से सन्न हैं। परिवार के किसी शख्स को इस घटना पर भरोसा नहीं हो रहा है। अशोक के परिवारवालों को उसकी गिरफ्तारी की खबर टीवी के जरिए मिली। अशोक के 70 वर्षीय पिता ने बताया कि अशोक शाम 5 बजे से पहले घर आ जाता था। जब घटना वाले दिन घर नहीं आया तो उन्हें चिंता हुई। उन्होंने कहा, ‘हमने सोचा कि वह बस में काम करता है, कभी भी दुर्घटना हो सकती है। क्या उसे भी कुछ हो गया?’

अशोक के पिता ने कहा कि पुलिस ने परिजनों को घटना की जनकारी देना भी मुनासिब नहीं समझा। अशोक का गांव गामरोज स्कूल से महज 20 मिनट की दूरी पर है। उन्होंने बताया कि जब वह अगले दिन अपने बेटे से मिलने भंडोसी जेल पहुंचे तो दो पुलिसकर्मी उनके अगल-बगल में खड़े हो गए। उन्होंने कहा, ‘अशोक ने जैसे ही मुझे देखा, वह रोने लगा। उसने सिर झुका लिया और रोने लगा। एक शब्द नहीं बोला। वह लंगड़ाकर चल रह था। उसके हाथ और पैर पर चोट के निशान थे। मुझे चिंता हो रही है कि मेरे बेटे को अपराध स्वीकार कराने के लिए दबाव डाला जा रहा है।’ अशोक के पिता प्रद्युम्न के परिवारवालों से भी मिलना चाह रहे हैं, लेकिन लोगों का गुस्सा देखते हुए वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।

अशोक की बहन ने कहा कि अशोक काफी शांत रहने वाला शख्स है। संबंधियों के प्रति वह जिम्मेदारी निभाता है। उनसे अपनी शादी देर से की ताकि उसकी चार बहनों की शादी पहले हो जाए। अशोक की एक बहन ने कहा कि अशोक कहा करता था कि वह भाग्यशाली है कि उसे इतनी अच्छी पत्नी मिली।

अशोक की पत्नी उससे करीब 10 साल छोटी है। घटना के बाद से वह बेसुध पड़ी हुई है। वह न कुछ खा रही है न पी रही है। वह बात भी नहीं कर रही है। अशोक की पत्नी रोते हुए बोल रही है, ‘वह (अशोक) कहा करते थे कि जब तक मैं तुम्हारा चेहरा नहीं देख लेता मुझे सुकून नहीं मिलता है। अब वह जेल में हैं। मुझे नहीं मालूम उनके साथ क्या हो रहा होगा।’  अशोक के पिता ने कहा, ‘इतना समझदार व्यक्ति कैसे इस तरह का अपराध कर सकता है। आप केवल मेरे शब्दों पर मत जाइए। किसी और से भी अशोक के बारे में पूछ लीजिए।’ अशोक के परिवार के एक करीबी ने कहा, ‘आप इस परिवार को देख लीजिए। इस परिवार में अशोक इकलौता कमाने वाला शख्स था। इनके पास तो वकील रखने के भी पैसे नहीं है। अशोक के एक चचेरे भाई ने बताया कि वह महज 5वीं पास था। अशोक ठीक से हिंदी तक नहीं बोल पाता था। वह बहुत भोला है।

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