चंडीगढ़ । रेयान स्कूल गुरूग्राम के ट्रस्टियों की जमानत अर्जी की सूनवाई से हरियाणा हाइकोर्ट के जस्टिस एबी चैधरी ने अपने आप का अलग कर लिया है, जिसके लिये उन्होंने ने बताया कि वे ट्रस्टियों को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं। इसलिए इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते हैं। इसलिये यह मामला अब नई बेंच को जायेगा।
रेयान स्कूल के रेयान ग्रुप के सीईओ रेयान पिंटो, उनके पिता और इंटरनेशनल स्कूल के ट्रस्टी ऑगस्टाइन पिंटो, और ग्रेस पिंटो ने याचिका दायर की थी। इसमें उनका कहना था कि उनके खिलाफ हत्याए आर्म्स एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। इसमें उन पर लगाए गए आरोप सही नहीं है। ये आरोप मीडिया और राज्य सरकार के दबाव में लगाए गए हैं। उनके द्वारा जमानत याचिका में निवेदन किया गया कि स्कूल कामकाज स्थानीय स्कूल प्रबंधन देखता है। इस कारण से हमारा इस प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस हमें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। इसलिये हमें अग्रिम जमानत दी जायें। गोरतलब है कि इससे पूर्व मुम्बई हाईकोर्ट इन्हें अंतरिम जमानत देने से इंकार कर चुका है। प्रद्युम्न हत्याकांड प्रकरण में अब तक पुलिस स्कूल के बस कंडेक्टर को गिरफ्तार कर चुकी है। बस कंडेक्टर का परिवार और खुद बस कंडेक्टर झूठे प्रकरण में फंसाने का बयान दे चुका है, ऐसे में यह मामला बहुत पेचीदा हो गया है और इसी कारण से राज्य सरकार ने प्रद्युम्न हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की बात कही है।