-एनकाउन्ट की जांच सीबीआई को दे, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ सके।
जयपुर. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं जयपुर शहर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने आनन्दपाल एनकाउन्टर प्रकरण के बाद आज सावराद गांव का दौरा किया और आनन्दपाल के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने माँ, बेटी और परिवार के सभी लोगों की पूरी बात सुनी। इस अवसर पर उन्होंने पूरे गांव का दौरा किया और गांव के लोगों से आनन्दपाल एनकाउन्टर के बाद हालातों के बारे में जानकारी ली। खाचरियावास ने कहा कि सावराद गांव में पिछले 15 दिन से आनन्दपाल की लाश पड़ी है। पूरे गांव के सभी जाति व धर्म के लोग तथा आसपास के हजारों नागरिक उस परिवार के साथ उनका दुःख बांटने के लिये साथ ख़ड़े हैं लेकिन गांव के लोगों ने बताया कि सरकार के इषारे पर पुलिस के लोगों ने गांव में दहशत का माहौल व्याप्त कर रखा है। लोगों को डराया-धमकाया जा रहा है जो भी व्यक्ति गांव में दुःख व्यक्त करने आता है, उनकी गाड़ियां जब्त कर ली जाती हैं, उन्हें तंग किया जाता है, उनकी पिटाई की जाती है, घरों में माँ-बहिन-बेटियों का रहना मुष्किल हो रहा है, हर घर में पुलिस वाले आकर बैठ जाते हैं, पुलिस वालों की सेवा करने में ही पूरा गांव लगा हुआ है।
गांव के लोग खुद यह चाहते हैं कि सरकार आगे बढ़कर आनन्दपाल एनकाउन्टर प्रकरण की सीबीआई से जांच कराये तथा आनन्दपाल के परिवार के लगभग 100 से ज्यादा लोगों को बंद कर दिया गया है। सावराद गांव तथा आसपास गांव के प्रत्येक जाति, धर्म के नौजवानों को बेवजह पुलिस ले जाकर रोज बंद कर रही है और गांव में लोगों की सुनने वाला कोई नहीं है। खाचरियावास ने कहा कि जिस आनन्दपाल को बहुत बड़ा गैंगस्टर और पैसे वाला बताया गया, उसके घर के हालात देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि घर की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। घर के सभी लोगों को सरकार ने बंद कर दिया है, कोई घर को संभालने वाला नहीं है, लाश पन्द्रह दिन से पड़ी है, घर में चूल्हा जल नहीं रहा है। हिन्दू धर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि तुरन्त प्रभाव से आनन्दपाल की माँ, परिवारजनों तथा न्याय मांग रहे आंदोलनकारियों से बात करके आनन्दपाल एनकाउन्ट की जांच सीबीआई को दे, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ सके।