नयी दिल्ली : लोकसभा में आज लोक प्रतिनिधित्व संशोधन विधेयक 2017 पेश किया गया जिसमें प्रवासी मतदाताओं की कठिनाइयों को दूर करने की पहल की गई है जिससे वे अपने निवास स्थान से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं । लोकसभा में विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोक प्रतिनिधित्व संशोधन विधेयक 2017 पेश किया । इसके तहत लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का और संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है ।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि प्रवासी मतदाताओं के सम्मुख पेश आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बाह्य मतदान की रीति अर्थात परोक्ष मतदान को सुगम बनाने की व्यवहार्यता पर विचार किया है जिसके द्वारा ऐसे मतदाता विदेशों में अपने निवास स्थान से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं ।
इसके के अनुरूप निर्वाचनों के संचालन नियम, 1961 में उद्धृत कुछ शर्तो के अधीन रहते हुए प्रवासी मतदाताओं को उनकी ओर से निर्वाचन में मतदान करने के लिये परोक्षी नियुक्त करने में समर्थ बनाने के लिये लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 60 का संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है । इसमें वर्तमान में प्रवासी निर्वाचकों द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग करने के संबंध में उनके सम्मुख आने वाली कठिनाइयां पर्याप्त रूप से कम होंगी ।
उल्लेखनीय है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 20क निर्वाचक नामावलियों में प्रवासी निर्वाचकों में पंजीकरण और नामांकन का उपबंध करती है। निर्वाचक पंजीकरण नियम 1960 में यह उपबंधित किया गया है कि प्रवासी निर्वाचक स्वयं को पासपोर्ट और विधिमान्य वीजा की स्व अनुप्रमाणित प्रतियों के आधार पर उनके अपने अपने निर्वाचक क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों में पंजीकरण करा सकते हैं । वे विर्निदिष्ट मतदान केंद्रों पर मतदान के समय मूल पासपोर्ट प्रस्तुत करने पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं ।
इसके तहत उक्त नियम प्रवासी निर्वाचकों की मतदान के दिन भारत में उनके निर्वाचक केंद्र पर शारीरिक उपस्थिति को नियम करता है। इसके कारण मतदान के दिन भारत में उपस्थित होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने में प्रवासी निर्वाचकों को कठिनाई होती है । लोक प्रतिनिधित्व संशोधन विधेयक 2017 में प्रवासी मतदाताओं के सम्मुख पेश आने वाली कठिनाइयों पर ध्यान दिया गया है और उन्हें पर्याप्त रूप से कम करने का प्रयास किया गया है ।