High Court
जयपुर. डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर डॉक्टर अजय चौधरी , डॉक्टर दुर्गशंकर सेनी और चिकित्सा सचिव वीनु गुप्ता के ख़िलाफ़ उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका पेश की गई है. अधिवक्ता डॉ अभिनव शर्मा ने जयपुर बेंच की खंडपीठ  अवमानन याचिका पेश कर कहा की सितम्बर 2012 में खंडपीठ ने कुछ जनहित याचिकाओं का निपटारा करते हुए 2011 में डॉ अजय चौधरी के नेत्रत्व में की गयी हड़ताल को अवसमवैधानिक मानते  हुए व्यवस्था दी थी कि डॉक्टर हड़ताल नहीं कर सकते और यह मरीज़ों के जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार का हनन करता है.
याचिका में कहा, डॉक्टर का रेजिस्ट्रेशन होने से पहले वे लिखित में शपथपत्र देते हैं की वे मानवता की सेवा करेंगे और हड़ताल करके वे मानवता के साथ छल कर रहे गाईं। उच्च  न्यायालय ने भी डाक्टर्ज़ की हड़ताल को आपराधिक कृत्य घोषित किया हुआ है एसे में हड़ताली डॉक्टर को अवमानन में सज़ा कर कारावास की सज़ा से दंडित करने की भी गुहार की है
याचिका में ये भी कहा, सरकार ने रेसमाँ  लागू किया लेकिन कभी भी डॉक्टर अजय चौधरी और अन्य को सज़ा नहीं दी गयी उलटा वर्ष 2011 में गहलोत सरकार के समय में दिसम्बर में डॉक्टर चौधरी व अन्य को गिरफ़्तार कर समझोते के नाम पर मुक़दमे वापस ले लिए जिससे पुनः हड़ताल के लिए होंसले बुलंद हुए हैं  इसलिए प्रमुख शासन सचिव वीनु गुप्ता को भी अवमानन में सज़ा देने की गुहार की गयी है। याचिका में यह भी कहा गया कि राज्य सरकार जनता की संरक्षक होती गई और राज्य सरकार द्वारा हड़ताली डॉ को चिह्नित कर उनके खिलाफ मेडिकल कौंसिल में डिग्री रद्द करने के लिए भी कोई कार्यवाही नही की गई जिससे उच्च न्यायालय के आदेश को धत्ता बात कर डॉ हड़ताल कर रहे हैं।

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