जोधपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने पेनोरमा निर्माण के माध्यम से सभी जाति एवं समाज के अराध्य लोक देवी-देवताओं तथा महापुरूषों की गौरव गाथाओं को संरक्षित करने का अभूतपूर्व काम किया है। पूरे प्रदेश में करीब 140 करोड़ की लागत से 46 पेनोरमा बनाये जा रहे हैं, जिनमें से कई पेनोरमा का काम तो पूरा भी हो चुका है। राजे शुक्रवार को जोधपुर जिले की कोलू पाबूजी ग्राम पंचायत में लोक देवता पाबूजी के पेनोरमा के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरता, गौसेवा, शरणागत की रक्षा तथा नारी सम्मान जैसे महान गुणों के कारण पाबूजी सभी समाज के लोगों के अराध्य हैं। उन्होंने कमजोरों को उनका हक दिलाने की लड़ाई लड़ी। गायों से भी उन्हें विशेष प्रेम था। पाबूजी की महिमा, उनके व्यक्तित्व तथा जन आस्था की कहानियों को संरक्षित करने के लिए हमारी सरकार ने पाबूजी के पेनोरमा का निर्माण कराया है। करीब 1.56 करोड़ रूपये की लागत से बने इस पेनोरमा से उनके जीवन दर्शन और सिद्धांतों से श्रद्धालु परिचित हो सकेंगे। राजे ने कहा कि राजस्थान देष का पहला ऐसा राज्य है जिसने गोपालन विभाग स्थापित किया। उन्होंने कहा कि गोषालाओं के संरक्षण तथा विकास और गायों के चारे के लिये एक हजार करोड़ रूपये मंजूर किये। साथ ही ऊॅट को संरक्षित करने का भी काम किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पाबूजी की अष्व पर सवार आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया।
गनमेटल से बनी यह प्रतिमा करीब 20 फीट ऊंची है। इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत, राजसिको के अध्यक्ष मेघराज लोहिया, राज्यसभा सांसद मदनलाल सैनी एवं नारायण पंचारिया, विधायक अषोक परनामी एवं पब्बाराम सहित बडी संख्या मे अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।