नयी दिल्ली। इंडियन एनर्जी एक्सजेंच (आईईएक्स) में बिजली की कीमतें पिछले सप्ताह 7.5 रुपये प्रति इकाई के सर्वोच्च स्तर तक पहुंच गयी। विशेषज्ञों के अनुसार यह इस बात का संकेत है कि बिजली उत्पादन पर अभी भी संयंत्रों में कोयले की कमी का दबाव है। एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘शुक्रवार को सर्वोच्च और औसत कीमत के उतार चढ़ाव से मांग एवं आपूर्ति के बीच की खाई का स्पष्ट पता चलता है।’’ उन्होंने कहा, ऐसा हो रहा है क्योंकि बिजली विक्रेताओं को या तो महंगा कोयला मिल रहा है या कोयले की आपूर्ति कम है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, 16 नवंबर 2017 को उसकी निगरानी वाले कुल 112 तापीय संयंत्रों में से कम से कम 11 संयंत्रों में कोयले के स्टाक को लेकर चिंता है। उनके पास चार दिनों से भी कम का भंडार बचा है।