प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सो सेन्टर (आईआईसीसी) की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह सेन्टर भारत की आर्थिक प्रगति, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी चेतना को दिखाएगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार के विज़न का अंग है जो विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना और कारोबारी सुगमता को महत्व देता है। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि केन्द्र सरकार ने किस तरह देश के विकास के लिए अनेक परियोजनाओं की श्रृंखला शुरू की है। उन्होंने इस संदर्भ में सबसे लंबी सुरंग, सबसे लंबी गैस पाइप लाइन, मोबाइल फोन बनाने वाली सबसे बड़ी इकाई तथा प्रत्येक परिवार में बिजली पहुंचने की चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह सभी नए भारत के कौशल, आकार और गति की मिसाल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के अनेक देशों ने सम्मेलनों के आयोजन के लिए व्यापक क्षमता विकसित की है। इस विषय पर काफी समय तक भारत में नहीं सोचा गया। अब यह परिवर्तन हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के बारे में हाल में लिए गए निर्णय का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बैंको के विलय के बारे में लगभग ढाई दशक पहले सोचा गया था। लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। उन्होंने बल देते हुए कहा कि यह सरकार राष्ट्र हित में कठोर निर्णय लेने से पीछे नहीं हटती। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में चौतरफा विकास हुआ है और यह विकास सिर्फ इसलिए हुआ है कि राष्ट्रीय हित को सबसे ऊपर रखा गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के हित में कठोर निर्णय लेने की प्रक्रिया जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था मजबूत है। कारोबारी सुगमता की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस प्रयास को जिला स्तर तक ले जाने पर काम कर रही है।