prime-minister-modis-meaningful-initiative-to-make-rs-8-lakh-annually-in-the-obc-category-amit-shah
prime-minister-modis-meaningful-initiative-to-make-rs-8-lakh-annually-in-the-obc-category-amit-shah

दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पिछड़े वर्गों को मिलने वाले आरक्षण और अन्य योजनाओं के लाभों के दायरे का विस्तार कर इसे और अधिक न्यायसंगत करने के नरेन्द्र मोदी सरकार का स्वागत किया है | शाह ने कहा कि इस प्रस्तावित प्रावधान में पिछड़े वर्गों में क्रीमी लेयर की सीमा 6 लाख रुपये की वार्षिक आय से बढ़ा कर 8 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे पिछड़े समाज के एक बहुत बड़े भाग को आरक्षण और अन्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा|

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच के लिए संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत एक आयोग की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी। यह आयोग अपनी रिपोर्ट 12 सप्ताह के अन्दर देगा | इस आयोग की संस्तुतियों के आधार पर पिछड़े वर्गों के अन्दर उपवर्गों को भी बनाया जाएगा |भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उपवर्गों के प्रावधान से पिछड़ी जातियों के अन्दर ही जिन जातियों को आर्थिक पिछड़ेपन की वजह से आरक्षण और अन्य सुविधाओं की अधिक आवश्यकता है उन्हें प्राथमिकता दी जा सकेगी | उपवर्गों का प्रावधान भाजपा की प्रदेश सरकारों ने पहले कई राज्यों में लागू किया था जिसके परिणाम काफी लाभकारी रहे | तदुपरांत अब तक 11 राज्यों में राज्य सरकारों ने उपवर्ग के प्रावधान को लागू किया है | पिछड़े वर्गों को न्यायसंगत लाभ देने के लिए इन प्रावधानों को वैज्ञानिक पद्धति द्वारा नियोजित तरीके से पूरे देश में लागू किया जाएगा| मोदी सरकार का यह कदम भाजपा और उसकी सरकारों की पिछड़े और सामाजिक वर्गों के सम्पूर्ण विकास के प्रति संवेदनशीलता और कटिबद्धता का प्रमाण है |

शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने इसी प्रयास के अंतर्गत पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का ऐतिहासिक काम किया था परन्तु कांग्रेस पार्टी के विपरीत रुख के कारण इससे सम्बंधित संवैधानिक संशोधन नहीं हो सका | परन्तु मुझे विश्वास है कि मोदी सरकार शीघ्र ही इस कानून को संसद में पारित करा कर पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलायेगी जिससे कि विकास की पंक्ति में सबसे पीछे खड़े पिछड़ी जातियों के व्यक्ति का विकास हो सके |

LEAVE A REPLY