delhi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी ऐतिहासिक फलस्तीन यात्रा पर आज रामल्ला पहुंचे। इस दौरान वह राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मिलेंगे और फलस्तीनी लोगों के प्रति भारत के समर्थन को दोहराएंगे। फलस्तीन की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। मोदी जॉर्डन सेना के हेलीकॉप्टर पर सवार होकर अम्मान से सीधे रामल्ला पहुंचे जहां फलस्तीन के प्रधानमंत्री रामी हमदल्ला ने उनका स्वागत किया। मोदी तीन देशों की यात्रा पर हैं।
फलस्तीन की धरती पर कदम रखने के बाद मोदी ने कहा, यह ऐतिहासिक यात्रा है जो मजबूत द्विपक्षीय सहयोग की ओर ले जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी अपने समकक्ष हमदल्ला के साथ फलस्तीनी नेता यासर अराफात के मकबरे पर गये और पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मकबरे को 10 नवंबर, 2007 को जनता के लिए खोला गया था और यह फलस्तीन के राष्ट्रपति आवास परिसर के पास स्थित है।
अराफात को श्रद्धांजलि देने के बाद मोदी मकबरे के पास स्थित अराफात संग्रहालय में भी गये।
बाद में राष्ट्रपति अब्बास ने औपचारिक वार्ता शुरू करने से पहले रामल्ला स्थित राष्ट्रपति कार्यालय पर प्रधानमंत्री मोदी का औपचारिक स्वागत किया। दोनों नेता गले मिले और दोनों देशों के राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े रहे। उन्होंने सलामी गारद ली। उन्होंने फलस्तीनी और भारतीय अधिकारियों के साथ हाथ मिलाये। फिर दोनों नेता औपचारिक बातचीत के लिए राष्ट्रपति कार्यालय के भीतर गये।
बातचीत के बाद दोनों नेता द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे और संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद दोपहर का भोजन करेंगे। इसके बाद मोदी हेलीकॉप्टर से अम्मान रवाना हो जाएंगे।
इससे पहले भारत को अंतरराष्ट्रीय परिदृष्य में बहुत सम्मानित देश बताते हुए राष्ट्रपति अब्बास ने कहा था, हम हाल में हुई चीजों पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा करेंगे, हम शांति प्रक्रिया, द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय स्थिति के संबंध में बात करेंगे। क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए भारत क्या संभावित भूमिका निभा सकता है, इस पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा दोनों देशों के मौजूदा संबंधों से इतर विभिन्न आर्थिक पहलुओं पर भी चर्चा होगी।
फलस्तीन के 82 वर्षीय राष्ट्रपति ने कहा कि अंतिम समझौते तक पहुंचने के लिए फलस्तीनी और इस्राइलियों के बीच वार्ता के लिए बहुपक्षीय मंच तैयार करने में भारत बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
अब्बास का कहना है कि मोदी की यह यात्रा क्षेत्र में शांति और स्थिरता का समर्थन करने वाले भारत के चिर-स्थाई रुख को दर्शाती है।
इस्राइली मीडिया में इस यात्रा को प्रमुखता से जगह दी गई है। कई खबरों में इस पर नाखुशी जताई गई है। बहुत से इस्राइली अराफात को इस क्षेत्र में कई निर्दोष नागरिकों की हत्या और हिंसा भड़काने के लिए दोषी मानते हैं।