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delhi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया भर में भारत के दूतावासों और उच्चायोगों के प्रमुखों के साथ आज शाम 5 बजे एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की। यह कॉन्‍फ्रेंस – दुनिया भर में भारतीय मिशनों के लिए इस तरह का पहला आयोजन था – जिसे वैश्विक कोविड-19 महामारी की प्रतिक्रियाओं पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि असाधारण समय के लिए असाधारण समाधान की आवश्यकता होती है, यही वजह है कि वैश्वीकरण के इस युग में भी, दुनिया के अधिकांश लोगों ने खुद को अलग कर लिया था। इस महामारी से लड़ने के लिए यह एक अपरिहार्य कदम था, लेकिन इसके बहुत अधिक परिणाम निकलने थे, क्योंकि वैश्विक प्रणाली के बंद होने का अंतर्राष्ट्रीय परिवहन प्रणाली, वित्तीय बाजारों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर व्यापक और दूरगामी प्रभाव पड़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने इस महामारी पर अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए इस साल जनवरी के मध्य से अभूतपूर्व और शुरुआती कदम उठा लिए थे, ताकि संक्रमण के बाहर से आने के जोखिम को कम किया जा सके, और उसके बाद महामारी को फैलने से रोका जा सके। इसमें दुनिया का सबसे बड़ा क्‍वारंटीन और लॉक डाउन शामिल है, जिसे भारत ने लागू किया है।

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