Prime Minister Narendra Modi talks with '1 crore' beneficiary of Ayushman Bharat

delhi. एमएसएमई की परिभाषा 14 साल बाद पहली बार संशोधित हुई मध्यम इकाइयों की परिभाषा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये के निवेश और 250 करोड़ रुपये के टर्नओवर की गई रेहड़ी विक्रेताओं को किफायती ऋण प्रदान करने के लिए विशेष माइक्रो क्रेडिट सुविधा योजना“पीएम स्वनिधि”लॉन्च की गई खरीफ सीजन 2020-21 के लिए उत्पादन लागत की कम से कम 1.5 गुना एमएसपी तय करने का सरकार ने अपना वादा निभाया कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पकालिक ऋण के भुगतान की अवधि बढ़ाई; किसानों को ब्याज में सबवेंशन और शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन का लाभ भी मिलेगा गरीबों की देखभाल करने पर सरकार का सबसे अधिक ध्यान

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार 1 जून 2020 को बैठक हुई। केंद्र सरकार द्वारा अपने दूसरे वर्ष के कार्यकाल में प्रवेश करने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी।बैठक में ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए गए जिनका भारत के मेहनती किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) क्षेत्र और रेहड़ी विक्रेताओं के रूप में काम करने वाले लोगों के जीवन पर एक परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा।सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जिन्हें लोकप्रिय रूप से एमएसएमई कहा जाता है भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में चुपचाप काम करते हुए 6 करोड़ से अधिक एमएसएमई की एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है।

कोविड-19 महामारी के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण में एमएसएमई की भूमिका को शीघ्र ही पहचान लिया। इसीलिए एमएसएमईको आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया।इस पैकेज के तहत एमएसएमई क्षेत्र के लिए न केवल पर्याप्त आवंटन किया गया है, बल्कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों के कार्यान्वयन में भी प्राथमिकता दी गई है। कई प्रमुख घोषणाओं से संबंधित कार्यान्वयन पहले ही शुरू किए जा चुके हैं।

केंद्र सरकार ने आज आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत अन्य घोषणाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए रोड मैप भी तैयार किया है। इसमें शामिल है:

एमएसएमई परिभाषा में बढ़ोतरी का संशोधन। यह व्यवसाय करने को आसान बनाने की दिशा में एक और कदम है। यह एमएसएमई क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और अधिक नौकरियां पैदा करने में मदद करेगा;

तनावग्रस्त एमएसएमई को इक्विटी सहायता प्रदान करने के लिए अधीनस्थ ऋण के रूप में 20,000 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव आज कैबिनेट द्वारा औपचारिक रूप से अनुमोदित किया गया है। इससे 2 लाख स्ट्रेस्ड एमएसएमई को फायदा होगा।

एमएसएमई के लिए 50,000 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश के लिए प्रस्ताव को भी आज कैबिनेट ने अनुमोदित कर दिया। यह एमएसएमई को ऋण-इक्विटी अनुपात के प्रबंधन और उनकी क्षमता वृद्धि में मदद करने के लिए एक ढांचा तैयार करेगा। यह उन्हें स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होने का अवसर भी प्रदान करेगा।

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